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रांची के जगन्नाथपुर में दो साल बाद भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा देखने को मिलेगी. इस यात्रा के लिए एक नया रथ बनाया जा रहा है. इस रथ को बनाने के लिए पुरी से कारीगरों को बुलाया गया है. जानकारी के मुताबिक 2012 में बना यह रथ पुराना और खराब हो चुका है. पुराने रथ की लकड़ियां सड़ चुकी है. जिसके कारण एक नये रथ का निर्माण किया जा रहा है.
नये रथ के लिए नई लकड़ियां लाई गई हैं. पुराने रथ को तोड़कर नये रथ की जिम्मेदारी ओडिशा के पुरी से बुलाये गये कारीगर को दी गई है. बताया जाता है कि ये वही कारीगर हैं, जो पुरी में भी रथ का निर्माण करते हैं. नये रथ के निर्माण का नेतृत्व दशरथी महाराणा द्वारा किया जा रहै है. उन्होंने बताया कि वह इस रथ की सभी बारीकियों पर ध्यान दे रहे हैं.
नये रथ की खूबियां
*नये रथ का निर्माण पुरी के आधार पर ही किया जायेगा.
*रथ के निर्माण के लिए ओडिशा के कारीगरों को जिम्मेदारी दी गई है
*रथ का निर्माण अगले डेढ़ महीने के अंदर किया जायेगा.
*इसके निर्माण में 285 CFT सखुए की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जायेगा.
*कुल 8 पहियों का निर्माण होगा जिसका डायमीटर चार फीट होगा.
*इसकी लम्बाई और चौड़ाई 26 फीट तक होगी,और ऊंचाई 32 फीट तक रहेगी.
*रथ में सिंहासन पीतल का बनाया जायेगा.
*सिहांसन पर भगवान जगन्नाथ, उनके साथ भाई बलभद्र, उनकी बहन सुभद्रा भी साथ होंगी
*नये रथ में प्रवेश के चार द्वार बनाये जायेंगे.
*इस रथ में चार घोड़ों का इस्तेमाल होगा और उसके साथ एक सार्थी को भी बैठाया जायेगी.
*नये रथ में कई प्रकार की कलाकारी देखने को मिलेगी.
*इस रथ में दो रंगों का इस्तेमाल किया जायेगा, एक लाल और दूसरा पील
भगवान जगन्नाथ का मंदिर और उनके साथ मौसीबाड़ी मंदिर के बीच में पुराने रथ को तोड़कर नये रथ का निर्माण कार्य चल रहा है. कारीगरों का कहना है कि पुराने रथ को तोड़ने में जरा भी समय नहीं लगता लेकिन इसे बनाने में बहुत मेहनत लगती है
नये रथ के निर्माण के लिए सखुआ की लकड़ियों को इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसे रांची के रामकृष्णा और तुपुदाना के द्वारा दी गई है. इसके निर्माण में लगभग 15 लाख खर्च किये जा रहे हैं. रथ का निर्माण जगन्नापुर मंदिर न्यास समिति के द्वारा किया जा रहा है. इसके साथ ही कारीगरों को कहना है कि वह इस रथ का कार्य महज 8 लाख में पूरा कर देंगे.
jantaserishta.com
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