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युवक की थाने में गुमशुदगी की गई दर्ज, महीनों पहले हो गई थी मौत
jantaserishta.com
10 Jan 2022 3:11 AM GMT
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जानिए पूरा मामला।
बस्ती: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से करीब छह माह पहले गोंडा का युवक गांव जाने के लिए निकला, लेकिन घर नहीं पहुंचा। पुलिस तक शिकायत पहुंची तो उसके मोबाइल की अंतिम लोकेशन बस्ती जिले के छावनी थाना क्षेत्र में जितियापुर के पास मिली। इस आधार पर थाने पर गुमशुदगी दर्ज कर ली गई। जबकि इस बात से हर कोई अनजान था कि छह माह पहले ही उस युवक की मौत अयोध्या में हुए एक सड़क हादसे में हो चुकी थी।
अयोध्या कोतवाली में केस दर्ज होने के बाद लावारिश में उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया और दूसरी तरफ गुमशुदगी की जांच जारी है। शिकायत शासन तक पहुंची तो मुख्यमंत्री ने प्रकरण की मानीटरिंग एडीजी गोरखपुर को सौंप दी। छह माह बाद आखिरकार पुलिस इस सच्चाई तक पहुंच सकी कि जिस युवक की तलाश हो रही है, वह 12 जून 2021 को ही मर चुका है। उसकी फोटो, हाथ में बने टैटू व कपड़ों की मदद से छावनी थाने पहुंचे परिजनों ने शिनाख्त गोंडा जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के गनेशपुर ग्रान्ट (पुरैना) निवासी सुनील कुमार (19) पुत्र साहेबराम के रूप में की।
11 जून 2021 से तलाश कर रहा था पिता
सुनील इंदौर की फैक्ट्री में काम करता था। 11 जून 2021 को वह ट्रेन से कानपुर पहुंचा था और यहां से अपने पिता को अंतिम फोन कर बताया था कि वह सड़क के रास्ते गोंडा पहुंच रहा है। कानपुर में सुनील बिहार जा रहे एक ट्रक में सवार हो गया था। 12 जून की भोर में अयोध्या बाईपास के महोबरा ओवरब्रिज के पास इस ट्रक की दूसरे ट्रक से भिड़ंत हो गई थी। हादसे में चालक सुजीत कुमार के साथ सुनील की भी मौत हो गई थी। अयोध्या कोतवाली पुलिस ने शिनाख्त न हो पाने पर सुनील के शव की फोटो व अन्य साक्ष्य को एकत्रित कर उसका लावारिश में अंतिम संस्कार कर दिया था। इधर बेटे के घर न पहुंचने पर पिता साहबराम ने गोंडा के वजीरगंज थाने में शिकायत की। कॉल डिटेल से अंतिम लोकेशन बस्ती छावनी मिलने के बाद 19 सितंबर 2021 को यहां गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज हुआ था। जांच की गति धीमी देख मुख्यमंत्री से लेकर उच्चाधिकारियों तक साहेबराम शिकायत दर्ज कराता रहा। प्रकरण में मुख्यमंत्री के संज्ञान लेने के बाद नवंबर 2021 में मानीटरिंग एडीजी जोन गोरखपुर को सौंपी गई और इसके बाद पुलिस जांच में तेजी आई।
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