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Rajsamand दरीबा में भीषण आग ने मचाया तांडव

Shantanu Roy
1 Jun 2024 11:40 AM GMT
Rajsamand दरीबा में भीषण आग ने मचाया तांडव
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Rajsamand: राजसमंद। राजसमंद उपखण्ड क्षेत्र के दरीबा स्थित डीएवी हिन्दुस्तान जिंक उमावि के समीप भीषण गर्मी के चलते सूखी झाड़ियों में लगी आग ने तेज हवा के कारण विकराल रूप धारण कर लिया और देखते ही देखते करीब 500 बीघा क्षेत्र में फैल गई, जिससे झाड़ियां और पेड़-पौधे आदि जल गए। हालांकि गनीमत रही कि आग समीप ही स्थित डीएससी प्लांट के भीतर नहीं पहुंची, जिससे बड़ा हादसा टल गया। दरीबा के डीएवी स्कूल के बाहरी क्षेत्र में खड़ी वनस्पतियों के नीचे पड़े सूखे पत्तों में भीषण गर्मी के चलते आग लग गई। आग का पता लगने तक वह तेज हवाओं के कारण डीएसी प्लांट के पीछे तक पहुंच गई। मामले की जानकारी मिलने पर हिन्दुस्तान जिंक की दो दमकल मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन तेज हवाओं के कारण आग बेकाबू होते हुए आगे से आगे बढ़ती गई। दमकलों में पानी समाप्त होने पर दूसरी बार पानी भरते हुए पुन: दमकलों को मौके पर पहुंचाया और आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। ऐसेे में आग को बेकाबू होते देख राजसमन्द, नाथद्वारा एवं उदयपुर जिले के फतहनगर से भी मौके पर दमकलें बुलवाई गई।

दमकल कर्मियों ने जिंक सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। लेकिन इसके बाद भी आग जिंक के गेस्ट हाउस और व्यवसायिक प्रशिक्षण संस्थान के बगीचों तक जा पहुंची। इन बगीचों में आग ने वनस्पती को पूरी तरह से राख में बदल दिया। बाद में आग समीप ही स्थित नर्सरी तक जा पहुंची, जिससे यहां भी वनस्पति पूरी तरह राख में बदल गई। यहां के बाद आग जिंक की सी टाइप कॉलोनी में जा पहुंची, जहां एक मकान की छत एवं आंगन में पड़े सूख पत्ते जलकर राख हो गए। दमकल कर्मी आग को आगे बढ़ने से रोकते रहे, लेकिन तेज हवाओं के कारण आग और आगे बढ़ती गई। अंत में करीब 6 दमकलों ने 3 से 4 चक्कर कर शाम करीब चार बजे आग पर पूरी तरह काबू पाने सफलता प्राप्त की। आग देर शाम तक भी कुछ छिटपुट स्थानों पर आग की लपटें उठती देखी गई, लेकिन दमकल कर्मियों ने मौके पर तैनात रहते हुए आग पर काबू पाने का प्रयास करते रहे। वहीं, भीषण आग लगने की सूचना पर मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई, जिससे दमकल कर्मियों एवं सुरक्षा कर्मियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा। इसके चलते अवरोधक लगाकर मार्गो को अवरुद्ध करने के बाद आग पर नियंत्रण पाने के प्रयास शुरू किए गए।
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