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किसानों के एक समूह ने सांसद को दिखाए काले झंडे, कार के शीशे तोड़े, जमकर की नारेबाजी
jantaserishta.com
6 Nov 2021 2:06 AM GMT
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हिसार. हरियाणा से भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा को शुक्रवार को किसानों का भारी विरोध झेलना पड़ा. किसानों के एक समूह ने हरियाणा के हिसार जिले में बीजेपी सांसद को काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सांसद जांगड़ा यहां एक धर्मशाला का उद्घाटन करने आए थे. किसानों को इस बात की भनक लगी तो वे मौके पर पहुंचे और बीजेपी सांसद के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.
इस दौरान पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान आक्रामक हो गए और उन्होंने सांसद की कार के शीशे तोड़ डाले. पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. इस दौरान भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था. पुलिस और किसानों के बीच कई बार हल्की झड़प भी हुई. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने चारों तरफ बैरिकेड लगाकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हुए थे. हालांकि, किसानों की संख्या ज्यादा होने के चलते पुलिस उन पर कंट्रोल नहीं कर सकी.
कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार किसान पंडाल में जा पहुंचे और सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. एक तरफ सांसद के जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ किसान मुर्दाबाद के नारे लगाकर उनका विरोध कर रहे थे. उग्र किसानों ने सांसद की गाड़ी के शीशे भी तोड़ दिए. सांसद ने प्रशासन से मांग की है कि जिन लोगों ने उनके साथ ऐसा व्यवहार किया है वह उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें.
पुलिस ने इस मामले में कुछ किसानों को हिरासत में लिया है. किसान आगे की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. बीजेपी सांसद को रोहतक में गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान भी इसी तरह का प्रदर्शन झेलना पड़ा था. एक कार्यक्रम में सांसद के बयान पर बवाल मचा हुआ है. उन्होंने किसानों को "बेरोजगार शराबी" कहते हुए जोर दिया था कि विरोध करने वालों में से कोई भी किसान नहीं था.
कृषि कानूनों का कोई विरोध नहीं, विरोध करने वाले गांव के बेरोजगार शराबी हैं: सांसद
किसानों द्वारा सर्कुलेट किए गए एक वीडियो में वह पत्रकारों से कह रहे हैं, "कृषि कानूनों का कोई विरोध नहीं है. विरोध करने वाले गांवों के बेरोजगार शराबी हैं. वे खराब लोग हैं, जो इस तरह की हरकतें करते रहते हैं. हाल ही में सिंघु बॉर्डर पर कुछ निहंगों द्वारा एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या ने इन बुरे लोगों को सबके सामने उजागर कर दिया है. वे किसान नहीं हैं, केवल बुरे तत्व हैं, जिनका अब आम लोग भी विरोध कर रहे हैं. मैं नियमित रूप से दिल्ली जाता रहता हूं और देखता हूं कि ज्यादातर टेंट खाली हैं. बहुत जल्द इस समस्या का समाधान हो जाएगा."
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