नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली की पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सेक्सटॉर्शन गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गैंग अश्लील वीडियो चैट के जरिए पहले नामी-गिरामी कारोबारियों को फंसाता था, उसके बाद ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने का दबाव बनाता था। पुलिस ने मेवात और भरतपुर से गैंग के पांच मेंबरों को अरेस्ट कर लिया है। इनकी पहचान राजस्थान के भरतपुर निवासी खुर्शीद खान (31), रमन (42), यूपी के मथुरा निवासी मुरारी (42), राजस्थान के नागौर निवासी कालूराम (33) और अलवर निवासी विक्रम जाटव (24) के तौर पर हुई है। इनसे 1.4 लाख रुपये, एक कार और 15 एटीएम कार्ड रिकवर हुए हैं। आरोपी गैंग ने अहमदाबाद से 2.7 करोड़ रुपये वसूल किए थे।
गिरोह ने गुजरात के एक कारोबारी से 2.7 करोड़ रुपये और दिल्ली के एक अन्य कारोबारी से 5.8 लाख रुपये की उगाही की थी।स्पेशल सीपी (क्राइम) रवींद्र यादव ने बताया कि कारोबारी सुनील यादव को वॉट्सऐप पर एक लड़की का वीडियो कॉल आया, जिसने अपने कपड़े उतारे थे। कारोबारी को भी कपड़े उतारने के लिए कहने लगी। इसके बाद कुछ देर पर उनके पास क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर विक्रम राठौर के नाम से कॉल आया और सोशल मीडिया पर वीडियो को ब्लॉक करने के नाम पर पैसा मांगा गया। इसके बाद लड़की के सुसाइड करने और उनके नाम पर मर्डर केस दर्ज होने का डर दिखाकर पैसा ऐंठा। कुल 5 लाख 79 हजार 500 रुपये वसूल लिए।
राजधानी की दिल्ली पुलिस में हवलदार मोहित मलिक ने 50 से ज्यादा फोन नंबर, 10 बैंक खाते और 50 से ज्यादा एटीएम के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इससे खुलासा हुआ कि गैंग मेवात और भरतपुर से ऑपरेट हो रहा था। पुलिस टीम ने 10 दिन अलग-अलग एटीएम से पैसे निकालने वाले गैंग मेंबरों की पहचान की। इसके बाद पांच को अरेस्ट किया गया। पूछताछ में आठवीं पास रमन मास्टर माइंड निकला। इसने ठगी की रकम से खेती की जमीन और कार खरीदी थी। खुर्शीद और मुरारी एटीएम से पैसे निकालते थे। विक्रम जाटव और कालूराम ने अपने बैंक खाते ठगी की रकम के लिए इन्हें दे रखे थे। इनकी गिरफ्तारी से चार केस सॉल्व करने का दावा किया गया है।