मेरठ: मेरठ में मवाना सहकारी गन्ना विकास समिति में करीब चार करोड़ रुपए का ऋण किसानों के नाम फर्जीवाड़ा कर चढ़ा दिया गया। इसका पता चला तो किसानों ने समिति कार्यालय में शिकायत की। नए पेराई सत्र में मवाना मिल ने सबसे पहले एक नवंबर से सात नवंबर तक खरीदे गन्ना मूल्य की एडवाइस 15 करोड़ की समिति को भेज दी। समिति कर्मियों ने इस एडवाइस से करीब 2.55 करोड़ रुपये ऋण के रोक लिये और बाकी शीट बैंकों को भेज दी। इसके बाद मिल ने आठ नवंबर से 11 नवंबर तक खरीदे गन्ना मूल्य की 15.16 करोड़ की एडवाइज 25 नवंबर को गन्ना समिति को भेज दिया। समिति ने इस एडवाइस से 1.46 करोड़ रुपये ऋण के नाम पर काट लिए।
बस्तौरा नारंग निवासी खलील और नरेश कुमार की शिकायत पर समिति कर्मियों ने रिकार्ड खंगाला तो खुलासा हुआ कि कंप्यूटर की गलती से हजारों कृषकों के नाम पर गलत तरीके से ऋण चढ़ा दिया गया और फर्जी तरीके से वसूली कर ली गई हैं।
वर्ष 2020-21 में मलियाना सहकारी गन्ना समिति में भी ऋण के नाम पर फर्जीवाड़ा हो चुका है। गन्ना आयुक्त ने मामले की जांच लखनऊ से भेजी चार सदस्यीय टास्क फोर्स से कराई तो ऋण के नाम पर फर्जीवाड़ा 12 करोड़ रुपये से अधिक का निकला।
उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्र ने बताया कि समिति के कम्प्यूटर की गड़बड़ी से कई कृषकों के नाम पर गलत तरीके ऋण चढ़ गया है, उनसे वसूली हो गई है। मामला पकड़ में आ चुका है, उसे जल्द ठीक कराया जाएगा।