राजस्थान विधानसभा में शून्यकाल में भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के स्थगन प्रस्ताव नहीं लगने के मामले को लेकर ऐसा बवाल हुआ कि सदन में स्पीकर के कहने पर सत्ता पक्ष ने प्रस्ताव लाकर देवनानी को आज की कार्यवाही से बाहर कर दिया. वही देवनानी को ध्वनिमत से प्रस्ताव से बाहर किए जाने से नाराज भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया. आपको बता दें कि सदन में शून्यकाल शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी की ओर से व्यवस्थाएं दी जा रही थीं. इस दौरान भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के स्थगन प्रस्ताव नहीं लगने पर देवनानी ने कड़ा ऐतराज जताया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी उखड़ गए और कहा कि आसन पैरों पर है तो आप इस तरह नहीं बोल सकते. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का नाम लेते हुए कहा कि आप इन्हें बैठाइए. इसी बीच राजेंद्र राठौड़ बोलने लगे तो स्पीकर ने साफ किया कि आप इतने सीनियर होकर इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं. मैं बोलने नहीं दूंगा. देवनानी और अन्य विधायक चुप नहीं हुए तो स्पीकर ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल को कहा कि देवनानी को बाहर निकालने का प्रस्ताव रखें. स्पीकर ने साफ कहा कि आप सभी भाजपा के सदस्य बाहर जाइए, कोई फर्क नहीं पड़ता. इस मामले को लेकर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सदस्य का मामला गंभीर था, मगर आपने शामिल नहीं किया. इस पर स्पीकर ने कहा कि आपके सदस्य आपके कंट्रोल में नहीं हैं. आपको पूरा सम्मान देता हूं, प्रतिपक्ष को पूरा सम्मान देता हूं. मगर इस तरह से सीनियर विधायक बोलेंगे तो अच्छा नहीं है. देवनानी इतने सीनियर सदस्य हैं, कोई नया होता तो कोई बात नहीं थी. मैं खड़ा हूं फिर भी आप बोल रहे हैं. सदन की परम्पराओं का पालन करना पड़ेगा.
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने देवनानी को सदन से बाहर निकालने के लिए प्रस्ताव रखा और कहा कि देवनानी ने सदन की परम्परा का पालन नहीं किया, इसलिए मैं इन्हें सदन की कार्यवाही से बाहर करने का प्रस्ताव रखता हूं. मैं यह भी प्रस्ताव करता हूं कि कल भी इन्हें माफी मांगने के बाद ही प्रवेश दिया जाए.
प्रस्ताव रखने पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने कहा कि इतना बड़ा मामला नहीं है कि पूरे दिन सदन की कार्यवाही से बाहर किया जाए. मैंने मान लिया कि आप खड़े थे इसलिए बोलना नहीं चाहिए था. मगर इस तरह का निर्णय लेंगे तो गलत होगा. इस पर स्पीकर ने कहा कि कटारियाजी आपने कोई खेद प्रकट नहीं किया. आपने एक शब्द भी नहीं कहा कि उनका व्यवहार ठीक नहीं है. उलटे आपने कहा कि आप ऐसा करेंगे तो सभी करेंगे. मैं आपसे आशा कर रहा था कि आप यह कहेंगे कि खेदपूर्ण व्यवहार है. स्पीकर ने देवनानी को सदन से बाहर भेजने के प्रस्ताव को पास कराया. इस पर सभी भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर किया.