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यूपी के नोएडा में 11वीं के एक स्टूडेंट ने सिर्फ इसलिए सुसाइड कर लिया क्यों कि वह अपने सांवले रंग से परेशान था.
जनता से रिश्ता वेबडेसक | यूपी के नोएडा में 11वीं के एक स्टूडेंट ने सिर्फ इसलिए सुसाइड कर लिया क्यों कि वह अपने सांवले रंग (Student Suicide For His Dusky Skin) से परेशान था. यह घटना नोएडा सेक्टर-78 के महागुन मॉर्डन सुसाइटी की है. अपने सावले रंग से परेशान स्टूडेंट बिल्डिंग के 15वें फ्लोर से नीचे कूद (Jumped From 15 Floor) गया. सोसाइटी के लोग जब मॉर्निंग वॉक पर निकले तब जानकर उन्हें घटना के बारे में पता चला. सिक्योरिटी गार्ड्स ने तुरंत बच्चे के परिवार और पुलिस को इस मामले की खबर दी. 17 साल के संयम नाम के स्टूडेंट ने जान देने से पहले कोई भी सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है.
बच्चे के परिवार के मुताबिक अपने सावले रंग की वजह से वह अक्सर ही टेंशन में रहता (Student Tensed) था. हालही में किसी ने उसके रंग को लेकर कुछ कह दिया था, जिसके बाद से वह बहुत ज्यादा परेशान था.पुलिस को शक है कि शायद उसने इसी वजह से अपनी जान दी है. हालांकि पुलिस मामले की तह तक जाने के लिए जांच कर रही है.
15वें फ्लोर से कूदकर दी जान
थाना इंचार्ज सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित लड़के के पिता सेक्टर-142 की एक मोबाइल कंपनी में काम करते हैं. वह अपने परिवार के साथ महागुन मॉडर्न सोसाइटी में रहते हैं. उनका बेटा शहर के एक अच्छे स्कूल में पढ़ता है. 11वीं क्लास के स्टूडेंट ने शनिवार सुबह करीब 4.30 बजे अपनी ही सोसाइटी के 15वें फ्लोर से कूदकर सुसाइड कर लिया.
सुबह 5 बजे के बाद जब सुसाइटी के लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकले को लोगों की नजर जमीन पर पड़े लड़के की डेड बॉडी पर पड़ी. उन्होंने तुरंत सिक्योरिटी गार्ड को इस घटना के बारे में बताया. पुलिस को भी इस मामले की खबर दी गई. बच्चे को पहचानने के बाद उसके परिवार को इस बारे में तुरंत बताया गया. बच्चे को इलाज के लिए तुरंत पास के ही एक अस्पताल ले जा या गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
सांवले रंग से परेशान था बच्चा
थाना इंचार्ज का कहना है कि संयम एक ब्राइट स्टूडेंट था. किसी ने उसके सांवले रंग को लेकर कुछ कह दिया था, जिसकी वजह से वह बहुत ज्यादा परेशान रहता था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह पहले भी सुसाइड करने की कोशिश कर चुका है. उस वक्त भी वह बहुत ज्यादा परेशान था, लेकिन तब उसके परिवार ने उसे बहुत समझाया था. लेकिन कुछ दिन के बाद वह फिर से परेशान रहने लगा. बच्चे का परिवार उसे लगातार समझाने की कोशिश कर रहा था.
वहीं साइक्राइटिस का कहना है कि क्लास-8 से ग्रेजुएशन तक का समय बच्चे के लिए बहुत ही अहम और काफी संवेदनशील होता है. इस उम्र में बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. अलग-अलग तरह के विचारों की वजह से बच्चे अक्सर परेशान रहते हैं. कई बार तो छोटी सी बात उनके कोमल मन पर बैठ जाती है. इस उम्र में बच्चों को एक अच्छे माहौल की हुत ही जरूरत होती है.
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