एमपी। विदिशा जिला शिक्षा विभाग के एक नोटिस ने लगभग 950 शिक्षकों की नींद उड़ा दी है. दरअसल यह नोटिस ऐसे शिक्षकों को दिया गया है जिनके यहां 26 जनवरी 2001 के तीसरी संतान हुई है. ऐसे लगभग 950 शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. हालांकि अभी तक करीब 160 शिक्षकों ने ही नोटिस का जवाब दिया है जिसमें नौकरी ज्वाइन के दौरान नियम नहीं होने, टीटी ऑपरेशन फेल होना और और किसी ने तीन बच्चे होने पर एक बच्चा स्वजनों को गोद देने की बात कही है. अब जवाबों के सत्यापन के लिए डीईओ ने एक समिति बना दी है, जो तीन माह के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
बता दें कि 26 जनवरी 2001 के बाद सरकार ने नियम लागू किया गया है कि शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों के यहां यदि तीसरी संतान हुई है तो वह नौकरी के लिए अपात्र माने जाएंगे. विधान सभा में उठे प्रश्न के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार मुदगल ने जिले में ऐसे 950 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस थमाए हैं, उनसे 15 दिन में जवाब मांगा गया है, जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि अभी तक मात्र 160 शिक्षकों ने ही नोटिस का जवाब दिया है.
जिसमें ज्यादातर शिक्षकों का कहना है कि जब उनकी नौकरी लगी थी, उस समय यह नियम नहीं था. बाद में जब नियम बना तो इसकी उन्हें जानकारी नही थी. जिसके चलते उन्हें संतान हुई . कई शिक्षकों ने इसका ठीकरा स्वास्थ्य विभाग पर ही फोड़ दिया है. उनका कहना है कि उन्होंने दो बच्चे होने के बाद टीटी आपरेशन करा लिया था, लेकिन इसके बाद भी तीसरे बच्चे का जन्म हो गया. तीन से चार शिक्षकों ने अपने जवाब में बताया है कि उन्होंने तीसरे बच्चे को अपने स्वजनों को गोद दे दिया है, लेकिन उन्होंने गोदनामा के दस्तावेज जमा नहीं किए हैं.
विदिशा के डीईओ अतुल कुमार मुदगल का कहना है कि सरकार ने सन 2000 में एक सर्कुलर जारी किया था कि 26 जनवरी 2001 के बाद यदि किसी शासकीय कर्मचारी की तीसरी संतान होगी तो वो नौकरी से अपात्र हो जायेगा. अभी किसी विधायक ने इस संबंध में विधानसभा में सवाल पूछा था जिसमें विदिशा जिले में 950 कर्मचारी मिले हैं जिनकी 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी संतान हुई है.अब उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा गया है.