अम्बाला। अंबाला में किसानों के रेल रोको आंदोलन का मंगलवार को सातवां दिन है। इस आंदोलन के चलते 925 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं, जिसमें 186 मेल एक्सप्रेस व 231 पेसेंजर गाड़ियां शामिल हैं और बाकी ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है। ट्रेनों के प्रभावित होने के कारण यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुली भी परेशान हैं। किसानों के रेल रोको आंदोलन का असर अब लोगों के रोजगार पर भी पड़ने लगा है। एक तरफ रेल यात्री परेशान हो रहे हैं, वहीं अब स्टेशन पर यात्रियों के सहारे ही अपनी आजीविका चलाने वाले कुली भी परेशान होने लगे हैं। अंबाला रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करने वाले मोनू ने बताया कि किसान आंदोलन की वजह से लोगों का यहां आना कम हो गया है।
पहले यहां काफी भीड़ हुआ करती थी, लेकिन अब पूरा स्टेशन खाली पड़ा है। अब घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है। सुबह छह बजे से अब तक केवल 100 रुपये कमा पाए हैं। हम सरकार से उम्मीद करते हैं, जल्द से जल्द कोई इसका समाधान निकाला जाए, ताकि हमारी भी कमाई ठीक हो सके। रेलवे स्टेशन पर मौजूद यात्री मनीष ने कहा कि मुझे दिल्ली जाना है। मैं ट्रेन का इंतजार कर रहा हूं। पहले ट्रेन एक घंटा लेट थी, लेकिन अब आधा घंटा और लेट है, पता नहीं कब ट्रेन आएगी। सभी ट्रेनें लेट हैं। कोई कारण नहीं बता रहा है। दिल्ली जाने के लिए बहुत परेशानी हो रही है।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रेन प्रभावित होने का आकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। किसानों का रेल रोको आंदोलन कज सातवां दिन है। आंदोलन के कारण 925 ट्रेन प्रभावित हैं, जिसमें 186 मेल एक्सप्रेस और 231 पेसेंजर गाड़िया शामिल हैं और बाकी ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है। 103 मालगाड़ियां भी रूट बदलकर चलाई जा रही हैं! कुल मिलाकर 1028 गाड़ियां इससे प्रभावित हो रही हैं! इस समय एक ही रूट पर गाड़ियों का परिचालन है, जिस कारण दो से चार घंटे ट्रेनें देरी से चल रही हैं! अभी नुकसान का आकलन नहीं किया गया गया है।
वहीं रेलवे स्टेशन पर आज एक अलग से नज़ारा भी देखने को मिला। परेशान यात्रियों को सरकार व किसानों को लेकर दो लोगों को आपस में बहस करते भी देखा गया।