9 साल की बच्ची ने की खुदकुशी, गेम खेलने को लेकर भाई के साथ हुआ था विवाद
यूपी। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के अतर्रा थाना के एक गांव में दर्दनाक हादसा हुआ है. यहां भाई ने मोबाइल में गेम (Mobile Game) खेल रही कक्षा चार में पढ़ने वाली मासूम बहन से फोन छीन लिया गया तो उसने फांसी लगा लगी (Sister Committed Suicide). बड़ी बहन ने जब कमरे में जा कर देखा तो छोटी फंदे से लटकी थी. जिसके बाद घर में चीछ पुकार मच गई. घटना की जानकारी मिलने में पड़ोसी पहुंचे तो बच्ची को फंदे से उचारा और सामुदायिक स्वस्थय केंद्र ले गए, जहां डॉक्टर ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद पूरे घर में मातम है. घटना के बाद जिलाधिकारी बांदा अनुराग पटेल (Banda DM Anurag Patel) ने सभी स्कूलों को एक पत्र जारी किया है. जिसमें बच्चों और उनके अभिभावकों को मोबाइल से होने वाले नुक्सान के बारे में बताने को कहा है और कई अन्य सलाह दी गई है.
अतर्रा थाना क्षेत्र के एरिया में चालक पूरन वर्मा के 5 बच्चों में सब से छोटी 9 साल की बेटी मोबाइल में गेम खेल रही थी. उससे बड़ा माई 12 वर्ष का सानू खुद मोबाइल गेम खेलने के लिए छोटी से मोबाइल छीनने लगा. इसी पर दोनों में झगड़ा हो गया. सानू ने छोटी से मोबाइल छीनकर गेम खेलने लगा. इस बीच बहन कमरे में फांसी के फंद्दे पर लटक गई. इस दौरान बड़ी बहन खाना बना रही थी. बड़ी बहन निशा जब कमरे में पहुंची तो लक्ष्मी फांसी के फंदे में लटक रही थी. यह देखकर बड़ी बहिन चीखने लगी फिर भाई बहन रोने लगे. आवाज सुन पड़ोसी दौड़ पड़े. जिसके बाद लक्ष्मी को फंद्दे से उतार कर सामुदायिक स्वस्थय केंद्र ले गए. जहां डॉ ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.
जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने इस घटना पर काफी दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि अब परिजनों को स्वयं छोटे बच्चों को समझना चाहिए कि अत्महत्त्या नहीं करनी चाहिए. जिलाधिकारी बांदा ने कहां की यह घटना बड़ी ही ह्रदय विदारक है, इस ने मेरे पूरे शरीर को झकझोर कर रख दिया है. जिलाधिकारी बांदा ने समस्त प्राइमरी स्कूल, तथा प्राइवेट स्कूल क़े प्रधानाचार्यों को एक पत्र जारी किया जिसमें कहा गया है कि बच्चों को ज्यादा मोबाइल को ना चलाने दें, ताकि बच्चे गेम के आदी ना बने, यदि मोबाईल में गेम खेलने को ना मिले तो उसमे आप आत्महत्त्या जैसा कायराना कदम ना उढ़ाये. इस पर महोदय ने सभी बांदा निवासी बच्चों के अभिभावकों से भी अपील कि अपने छोटे बच्चों को आत्महत्त्या जैसे कदम उठाने से बचाएं. जिलाधिकारी बांदा के पत्र के बाद काफी प्रधान अध्यापक एक्शन में आए हैं और उन्होंने इस पर कार्य शुरू किया है. मोबाइल के नेगेटिव प्वाइंट बताना शुरू किया तथा बच्चों को इन चीजों से दूर रहने और आत्महत्या जैसी चीजों से बचने की सलाह दी है.