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9 बिजनेसमैन को मिली सजा, यहां जानें पूरा मामला

jantaserishta.com
6 Jun 2022 4:14 AM GMT
9 बिजनेसमैन को मिली सजा, यहां जानें पूरा मामला
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
कोर्ट ने इन पर दो-दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की एक अदालत ने रमी खेलने से जुड़े मामले में नौ बिजनेसमैन को दोषी करार दिया है. महाराष्ट्र प्रिवेंशन ऑफ गैम्बलिंग एक्ट के तहत मुंबई की कोर्ट ने नौ बिजनेसमैन को दोषी करार दिया है. इस मामले में दोषी करार दिए गए बिजनेसमैन को छह महीने कैद की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने इन पर दो-दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एवी कुलकर्णी की अदालत ने ये फैसला सुनाया है. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने दोषियों को अच्छे व्यवहार के कारण रिहा करने की मांग ठुकरा दी और सजा सुनाई. बताया जाता है कि ये मामला 2011 का है. तब पुलिस को होटल ताज प्रेसिडेंट में कुछ लोगों के रमी खेलने की सूचना मिली थी. सूचना के आधार पर पुलिस ने होटल में छापेमारी की और 3.25 लाख रुपये बरामद हुए थे.
पुलिस ने मौके से नौ बिजनेसमैन को पकड़ा था. पकड़े गए आरोपी अश्विन भंसाली और संदीप चाल्के 27 अगस्त 2011 को होटल की छठी मंजिल पर रुके थे. वहां रमी खेलने के लिए बिजनेसमैन नरेश येल्दि, सुरेश सबुला, केतन शाह, श्रवण जैन, रमेश राठौड़, मनोज जसानी और राज फाड़ भी पहुंचे हुए थे. तब पुलिस रेड का नेतृत्व करने असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (ACP) वसंत ढोबले अब रिटायर हो चुके हैं.
होटल में कमरा अश्विन भंसाली और संदीप चाल्के के नाम से बुक कराया गया था. इसका उपयोग कॉमन गेमिंग हाउस के रूप में किया जा रहा था. नकदी के साथ ही दो सेट ताश के पत्ते भी टेबल पर मिले थे. एक नोटबुक भी बरामद हुई थी जिसमें कई चीजें दर्ज थीं. इस मामले में कफ परेड थाने में मामला दर्ज किया गया था.
कोर्ट में ट्रायल के दौरान आरोपी बिजनेसमैन ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था. ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पांच गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे. व्यवसायियों की ओर से उनके अधिवक्ता ने अदालत में कहा था कि पुलिस ने होटल प्रबंधक का बयान दर्ज नहीं किया था और कोई स्वतंत्र गवाह नहीं था.
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कुलकर्णी ने बचाव पक्ष की दलील ये कहते हुए खारिज कर दी थी कि ज्यादातर गवाह पुलिसकर्मी होने की वजह से ये नहीं कहा जा सकता कि उनकी गवाही विश्वसनीय नहीं है. कोर्ट ने पुलिसकर्मियों की ओर से अपनाई गई प्रक्रिया की तारीफ भी की थी और कहा था कि सुनियोजित छापेमारी की पृष्ठभूमि, विस्तृत प्रीरेड और पोस्टरेड पंचनामा, हरेक आरोपी का बयान, चार आरोपियों की खास भूमिका को लेकर स्पष्टीकरण दिया गया. अभियोजन पक्ष का मामला काफी मजबूत है.
मजिस्ट्रेट ने ये भी कहा कि अभियोजन पक्ष के सभी गवाहों के बयान की स्क्रूटनी के बाद भी अभियुक्तों के पक्ष में कोई भी उपयोगी तथ्य नहीं मिला जिससे गवाही पर विश्वास न किया जाए. कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि बहुत कम मामले निष्कर्ष पर पहुंच पाते हैं और अभियोजन के पक्ष में जाते हैं, ये भी एक तथ्य है. आरोपी ने जुआ खेलने के लिए फाइव स्टार होटल में एक कमरा बुक किया था.
कोर्ट ने कहा कि आरोपी की निशानदेही पर साल 2011 में बड़ी धनराशि बरामद की गई थी. पूरी पृष्ठभूमि देखने के बाद दोषियों के खिलाफ दो-दो हजार रुपये जुर्माना लगाने के साथ ही छह महीने कैद की सजा पर्याप्त होगी. गौरतलब है कि ये मामला 11 साल से कोर्ट में था. 11 साल बाद इस मामले में दोषियों को कोर्ट ने सजा सुना दी है.


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