दिल्ली। दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में मॉनसून की बारिश कहर बरपा रही है. एक और जहां यमुना के पानी का जलस्तर बढ़ने से कई इलाके डूब गए हैं. वहीं, यूपी, पंजाब, हिमाचल और हरियाणा में आसमानी आफत से अबतक 89 लोगों की मौत हो चुकी है.इसमें से 55 लोगों की मौत पंजाब और हरियाणा में हुई है. इसमें पंजाब में 29 और हरियाणा में 26 लोगों की मौत हुई है. उधर, हिमाचल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 24 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. बात यूपी की करें तो यहां पिछले 24 घंटे से जारी बारिश के चलते 10 लोगों की मौत हो गई. पंजाब के 14 और हरियाणा के 13 जिले हाल की बारिश से प्रभावित हुए हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में भारी बारिश से प्रभावित पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों से अब बाढ़ का पानी कम होना शुरू हो गया है, लेकिन दोनों ही राज्यों के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है. पंजाब के विभिन्न बाढ़ प्रभावित जिलों में 25,000 से अधिक लोगों को और हरियाणा में 5,300 से अधिक लोगों को जलमग्न इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज पर प्रवाह दर शाम 6 बजे 53,370 क्यूसेक और रात 8 बजे 54,619 क्यूसेक थी.
यूपी में भी बारिश का दौर जारी है. जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटों में बारिश की वजह से 10 लोगों की मौत हो गई. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पिछले 24 घंटों में जहां रामपुर में डूबने से दो (लोगों) की मौत हो गई, वहीं बलिया, महोबा और ललितपुर जिलों में बिजली गिरने से सात लोगों की मौत हो गई. सुल्तानपुर में सांप के काटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई.
शनिवार को पंजाब के मनसा जिले में घग्गर नदी के बांध में दरारें आ गईं. जिसके चलते हरियाणा की सीमा से लगे कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि घग्गर में पहली दरार बुढलाडा में चांदपुरा बांध के पास तटबंध में और दूसरी सरदुलगढ़ क्षेत्र के रोरकी गांव में हुई है. उन्होंने बताया कि कई गांवों में बाढ़ को रोकने के लिए दरारों को भरने का काम चल रहा है, लेकिन पानी का तेज वेग एक समस्या पैदा कर रहा है. हालांकि, जिला प्रशासन ने कहा कि गांवों में बाढ़ का पानी घुसने की स्थिति में ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने शनिवार को फरीदाबाद जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया. चौटाला ने ट्रैक्टर पर मंझावली का दौरा किया और मोहना-बागपत पुल के पास और नाव पर बागपत क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण किया. इस बीच, उफनती घग्गर नदी ने पंजाब के संगरूर जिले के खनौरी और मूनक ब्लॉकों में कहर बरपाना दिया है. इससे इन क्षेत्रों का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया. संगरूर के उपायुक्त जितेंद्र जोरवाल ने कहा कि मूनक में कम से कम 20 गांवों में बाढ़ का पानी अभी भी है, हालांकि पानी का स्तर कम होना शुरू हो गया है और रविवार तक और कम हो जाएगा. जोरवाल ने कहा कि उन्होंने खनौरी और मूनक के बाढ़ प्रभावित इलाकों में चल रहे राहत कार्यों और निकासी कार्यों की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की.
खनौरी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-71 सहित कुछ सड़कें बाढ़ के पानी के कारण क्षतिग्रस्त होने के कारण यातायात के लिए बंद कर दी गईं हैं. पंजाब के पटियाला जिले में शुतराना, समाना और सनौर सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र थे. उपमंडल मजिस्ट्रेट, पाट्रान (पटियाला), मंदीप कुमार ने कहा कि कुछ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से बाढ़ का पानी कम होना शुरू हो गया है. पटियाला की उपायुक्त साक्षी साहनी ने कहा कि हालांकि घग्गर नदी खतरे के निशान से ऊपर है, लेकिन स्थिति जल्द ही सामान्य होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने कहा कि चूंकि दोनों राज्यों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी और वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को किसी भी बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में मेडिकल कैंप लगाए गए हैं, जबकि स्वास्थ्य अधिकारियों की टीमें प्रभावित जगहों पर लोगों को दवाएं भी बांट रही हैं.