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मरीन इंजीनियर से ऐंठे 84 लाख, ऐसे हुए डिजिटल अरेस्ट का शिकार

jantaserishta.com
20 Oct 2024 6:30 AM GMT
मरीन इंजीनियर से ऐंठे 84 लाख, ऐसे हुए डिजिटल अरेस्ट का शिकार
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साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज.
लखनऊ: लखनऊ में नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में शामिल होने का आरोप लगा कर मरीन इंजीनियर को साइबर ठगों ने 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया। गिरफ्तारी से बचाने के एवज में इंजीनियर के खातों में जमा रुपयों की जांच किए जाने का दावा किया। जिसके बाद 11 खातों में करीब 84 लाख रुपये ठगों ने ट्रांसफर कराए। दो दिन तक इंजीनियर ने परिवार को भी डिजिटल अरेस्ट होने की जानकारी नहीं दी। दो दिन खुद को अलग रहने पर पत्नी ने पूछा तो कहा कि सीक्रेट मिशन पर हूं। एक दोस्त के सम्पर्क में आने पर पीड़ित ने घटना का जिक्र किया। जिसके बाद इंजीनियर को पता चला कि वह साइबर ठगों के जाल में फंस चुका है। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
हजरतगंज निवासी एके सिंह मर्चेंट नेवी में मरीन इंजीनियर है। 27 सितंबर को वह एक सेमिनार में शामिल होने के लिए दिल्ली गए थे। होटल में ही उन्हें अनजान नम्बर से कॉल आई। फोन करने वाले ने बताया कि वह ट्राई से बोल रहा है। उसने बताया कि एके सिंह के मोबाइल नम्बर से आपत्तिजनक मैसेज भेजे गए हैं। इसलिए नम्बर को बंद किया जाएगा। आप चाहें तो मुम्बई अंधेरी पूर्वी पुलिस स्टेशन से सम्पर्क कर एनओसी ले सकते हैं। एके सिंह को ठग ने मुम्बई पुलिस के एसआई प्रदीप सावंत का नम्बर दिया। जिस पर उन्होंने कॉल मिलाई।
बातचीत के दौरान प्रदीप ने बताया कि आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल हो रहा है। वह पुलिस अधिकारी से बात कर रहे थे। तभी पीछे से आवाज सुनाई दी कि गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है। यह बात सुन कर एके सिंह घबरा गए थे। ठगों ने बताया कि नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में इंजीनियर को भी आरोपी बनाया गया है।
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