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भारत की धरती पर 8 चीतों की लैंडिंग, विशेष विमान पहुंचा, जानें खास बातें
jantaserishta.com
17 Sep 2022 2:51 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: नामीबिया से 8 चीतों को लाने वाली विशेष चार्टर्ड कार्गो फ्लाइट मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर लैंड कर चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इन्हें कुनो नेशनल पार्क में रिहा करेंगे। कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) ने चीतों के स्वागत के लिए खुद को तैयार कर लिया है। इन्हें खिलाने के लिए जंगली जानवरों को भी रिहा किया गया है। इसके अलावा स्थानीय लोगों को भी उचित निर्देश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 72वें जन्मदिन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वन्यजीव विशेषज्ञों की उपस्थिति में शनिवार को सुबह लगभग 10.45 बजे जानवरों को 10 किमी में फैले एक बाड़े में छोड़ देंगे।
#WATCH | The special chartered cargo flight, bringing 8 cheetahs from Namibia, lands at the Indian Air Force Station in Gwalior, Madhya Pradesh.
— ANI (@ANI) September 17, 2022
Prime Minister Narendra Modi will release the cheetahs into Kuno National park in MP today, on his birthday. pic.twitter.com/J5Yxz9Pda9
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, "भारत उन देशों में से एक है जो अपनी गलतियों को दूर करने में विश्वास करता है। गलती सुधारी जानी चाहिए। अत्यधिक शिकार के कारण भारत में चीते विलुप्त हो गए थे। हमने इन्हें वापस लाने का फैसला किया।"
चिनूक हेलीकॉप्टर में केएनपी जाएंगे नामीबिया से आए चीते
नामीबिया की राजधानी विंडहोक से बोइंग 747-400 विमान में आठ चीतों को भारत लाया गया है। मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव जेएस चौहान ने कहा, "ग्वालियर से भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के भारी-भरकम चिनूक हेलीकॉप्टर में चीतों को केएनपी में भेजा जाएगा।" चीतों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय उद्यान के 18 किमी अंदर पालपुर में पांच हेलीपैड बनाए गए हैं।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि पीएम मोदी तीन चीतों को 50x30 मीटर के बाड़े में छोड़ देंगे। यहां उन्हें एक महीने के लिए छोड़ दिया जाएगा। अन्य पांच को वन अधिकारियों द्वारा जारी किया जाएगा।
11 घंटे से कुछ नहीं खाए हैं ये चीते
चीतों के साथ भारत आए पशु चिकित्सा वन्यजीव विशेषज्ञ एड्रियन टॉर्डिफ ने कहा कि उन्हें गुरुवार को खिलाया गया था। रास्ते में उन्हें कुछ नहीं खिलाया गया है। उन्होंने उड़ाने भरने से पहले कहा था, "जब हम भारत में उतरेंगे तो हम उन्हें विमान से वायु सेना के हेलीकॉप्टरों में स्थानांतरित कर देंगे और उन्हें सीधे कुनो ले जाएंगे।"
चीतों के लिए शिकार की स्पेशल व्यवस्था
शुक्रवार को वन विभाग ने बाड़े में चित्तीदार हिरण, चार सींग वाला मृग, सांभर और नीलगाय का बच्चा छोड़ा। एक वन अधिकारी ने नाम नहीं छापने के अनुरोध पर कहा, "चीता दो से तीन दिन में एक बार खाता है। इसलिए कुनो पहुंचने के बाद वे शनिवार या रविवार को शिकार को मार सकते हैं।"
1947 में छत्तीसगढ़ में हुआ था अंतिम चीते का शिकार
आपको बता दें कि भारत से चीते विलुप्त हो गए थे। आखिरी चीता 1947 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में मारा गया था। इसके बाद 1952 में इसे विलुप्त घोषित कर दिया गया था। इन्हें भारत लाने के प्रयास में दशकों लग गए। 1970 के दशक में इसकी शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने थी। अब तक हमेशा अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक या कानूनी बाधाओं में इसे भारत लाने की कोशिश विफल होती रही।
एमपी के मुख्य वन्यजीव वार्डन जेएस चौहान ने कहा, "इन चीतों को शुरू में 6 वर्ग किमी के शिकारी मुक्त बाड़े में छोड़ा जाएगा। कुछ महीनों के बाद इन्हें जंगल में छोड़ा जा सकता है। 6 वर्ग किमी के बाड़े को नौ भागों में विभाजित किया गया है।" उन्होंने कहा कि चीतों की आवाजाही और उनके व्यवहार की निगरानी बाड़े में लगे सीसीटीवी कैमरों और उनके गले में लगे रेडियो कॉलर के माध्यम से की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी शिकार को रोकने के लिए बाड़ों के बाहर कुत्तों को तैनात किया जाएगा।
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