8 ब्लैकमेलर गिरफ्तार, लोन लेने वालों को बदनाम करने देते थे धमकी
दिल्ली। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट आईएफएसओ ने चीनी लोन ऐप के माध्यम से भारतीय लोगों को ठगने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. ये गैंग लोन लेने वालों को बदनाम करने के नाम पर डराते धमकाते थे. इस गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जो सभी भारतीय हैं और ये सभी आरोपी चीनी गैंग के लिए काम करते हैं. पुलिस को इस गैंग के चीनी मास्टरमाइंड का भी पता चल चुका है, जो चीन में बैठे हैं. पुलिस का दावा है कि भारत में चीनी गैंग के लिए काम करने वाले ये आरोपी क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से अपने चीनी आका को रकम पहुंचाया करते थे. इस गैंग की मोड्स ओपरेंडी ये है कि ऐप के माध्यम से लोन दिया जाता है, जो छोटी रकम का होता है. लेकिन उसके बदले में कई गुना रुपया वसूला जाता है. जो लोग रकम नहीं चुका पाते या फिर लोन की रकम से ज्यादा पैसा देने से मना करते हैं, तो उनके फोटो को मॉर्फ कर के अश्लील बनाया जाता था और फिर उनके रिश्तेदारों को भी फोन करके परेशान किया जाता था. पुलिस ने यह भी दावा किया है कि हमारे कई भारतीय नागरिकों के पर्सनल डाटा चीन तक पहुंच चुके हैं और ये सब इन चीनी लोन एप की वजह से हुआ है.
आईएफएसओ के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि चीन, हांगकांग और दुबई से ऑपरेट करने वाले एक इंटरनेशनल गैंग के भारतीय सरगना समेत 8 मेंबर्स को देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है. इस गैंग ने कई करोड़ की रकम धोखाधड़ी और एक्सटॉर्शन के माध्यम से भारतीय लोगों से वसूले. फिर क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चाइनीज लोगों के अकाउंट में रकम पहुंचाई. इस गैंग के मास्टरमाइंड चाइना में बैठे हैं.
पुलिस के अनुसार तकनीकी पड़ताल के बाद पता चला कि ये गैंग लोन एप के जरिये लोगों के मोबाइल फोन में मैलवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर देते थे. जिससे उनका पर्सनल डाटा एक्सेस कर लिया जाता. फिर लोन की रकम वापस मांगने के नाम पर लोगों को तंग किया जाता. उनकी मॉर्फ्ड फोटो के जरिए उगाही की जाती. उनके रिश्तेदारों को फोन करके परेशान किया जाता.
पुलिस ने इस गिरोह के 25 से ज्यादा बैंक एकाउंट फ्रीज़ भी कराए हैं. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से 16 डेबिट कार्ड, 22 चेक बुक और 26 पासपोर्ट भी सीज किये हैं. जो एकाउंट सीज किए गए हैं, उनमें 11 लाख रुपये मिले हैं. 4 लाख रुपये आरोपियों के कब्जे बरामद किए गए हैं. ठगी की रकम से एर्टिगा, इनोवा और फॉरचुनर कार भी खरीदी गई. पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के सीधे कनेक्शन चीन से हैं. ये गिरोह बेहद ऑर्गेनाइज्ड तरीके से लोगों से पैसा उगाही करता था. चीन में बैठे गिरोह के सरगना तक पैसा क्रिप्टोकरेंसी में पहुंचाया जाता था. पुलिस ने तीन चाइनीज नागरिकों का भी पता लगाया है, जो इस गिरोह से जुड़े हुए हैं. धोखाधड़ी और उगाही से वसुली गई रकम को चीन, हांगकांग और दुबई में इन तीनों चाइनीज नेशनल के अकॉउंट में क्रिप्टो करेंसी के जरिये पहुंचाया जाता था.