झारखण्ड/जमशेदपुर। कोरोनाकाल में ना जाने कितने लोगों से क्या-क्या छिन गया. फिर भी इनमें से कईयों ने हिम्मत नहीं हारी. जमशेदपुर की तुलसी कुमारी भी उन्हीं में से एक है. 7 साल की तुलसी किनन स्टेडियम के सामने आम बेचती है. रविवार में पूर्ण लॉकडाउन होने के बावजूद तुलसी ग्राहकों का इंतज़ार करती नजर आई. दरअसल वह आम बेचकर नया मोबाइल खरीदना चाहती है, ताकि ऑनलाइन पढ़ाई कर सके. कोरोना के कारण स्कूल बंद है. घर में एंड्रायल मोबाइल नहीं है, इसलिए तुलसी ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रही. पिछले साल से उसकी पढ़ाई बंद है.
तुलसी ने बताया कि कोरोना के चलते उसके पिता का काम बंद हो गया. इससे घर में आर्थिक परेशानी बढ़ गई. इसलिए वह आम बेचने पर मजबूर हो गई है. आम बेचकर वह एंड्रायड फोन खरीदना चाहती है, जिससे पढ़ाई जारी रख सके. तुसली में पढ़ने की लालसा है. मां पद्मनी देवी के लाख मना करने के बावजूद तुसली मोबाइल के लिए पैसे का इंतजाम करने के मकसद से आम बेचने की ठानी. तुलसी आम की कमाई से घर में भी मदद दे रही है.
मां पद्मनी देवी का कहना है कि लाख मना करने के बावजूद तुलसी आम बेच रही है. उसे आगे पढ़ने का मन है. लेकिन हमलोग गरीबी के कारण कुछ नहीं कर पा रहे हैं. तुलसी कुमारी जमशेदपुर के बगुनाथु इलारे की रहने वाली है. मां का कहना है कि अगर कुछ सरकारी मदद तुलसी को मिल जाती तो उसे फल नहीं बेचना पड़ता. और वह पढ़ाई कर पाती.