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बिजली गिरने से बिहार में 7, ओडिशा में 5 और बंगाल में 4 लोगों की मौत, 12 से ज्यादा हुए घायल

Deepa Sahu
7 Aug 2021 6:21 PM GMT
बिजली गिरने से बिहार में 7, ओडिशा में 5 और बंगाल में 4 लोगों की मौत, 12 से ज्यादा हुए घायल
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देश के अलग-अलग राज्यों में शनिवार को बिजली गिरने की घटनाओं में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई.

देश के अलग-अलग राज्यों में शनिवार को बिजली गिरने की घटनाओं में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए। पहली घटना पश्चिम बंगाल के दो जिलों की है, जहां बिजली गिरने से चार लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। वहीं, बिहार में बिजली गिरने से सात की मौत हो गई। उधर, ओडिशा के तीन जिलों में बिजली गिरने से तीन महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए।

झारखंड के पलामू जिले में भी बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने कहा कि करकट्टा गांव में एक 45 वर्षीय किसान अपने खेत में काम करने के दौरान आर कुहकुहू गांव में एक 13 वर्षीय लड़का घर लौटने के दौरान बिजली की चपेट में आए।


पूर्व बर्धमान और पूर्व मेदिनीपुर में बिजली गिरी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पूर्व बर्धमान जिले में एक महिला सहित दो अन्य की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि पूर्व बर्धमान जिले में बिजली गिरने से सात लोग घायल हो गए। सभी लोग कृषि क्षेत्रों में काम कर रहे थे।
इस बीच भारी बारिश ने दक्षिण बंगाल के सात प्रभावित जिलों हुगली, पुरबा और पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना, बीरभूम और पश्चिम बर्धमान में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। राज्य में हाल ही में आई बाढ़ में कम से कम 23 लोग मारे गए हैं और कई लाख विस्थापित हुए हैं।
ओडिशा के मयूरभंज, भद्रक और बालासोर की घटना
ओेडिशा में यह घटना तब हुई, जब यह सभी मयूरभंज, भद्रक और बालासोर जिलों में धान की खेती के काम में लगे हुए थे। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस बीच बालासोर जिले के कसाबजयपुर गांव में एक धान के खेत में बिजली के तार के संपर्क में आने से भी एक व्यक्ति की मौत हो गई। बारिश की वजह से खेतों में पानी भरा हुआ था, तभी व्यक्ति को बिजली के तार से करंट लग गया। अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद गांव में तनाव व्याप्त हो गया, क्योंकि स्थानीय लोगों ने पुलिस को शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से रोक दिया और मृतक के परिवार को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग करने लगे।
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