भारत में ओमिक्रॉन के 664 केस, सबसे ज्यादा मरीज इस राज्य में सक्रिय
देश में कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के खतरे पर कड़ी नजर रखी जा रही है. केंद्र से लेकर राज्य सरकारों ने सावधानियां बरतनी शुरू कर दी हैं और कई नाइट कर्फ्यू लेकर तमाम कड़ी पाबंदियां लगाई हैं. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 15-18 आयु वर्ग के बच्चों का वैक्सीनेशन पर बैठक की. साथ ही साथ कमजोर वर्गों के लिए एहतियाती तीसरी खुराक की समीक्षा की गई. देश में ओमिक्रॉन के अब तक 664 मामले सामने आ चुके हैं. दिल्ली और महाराष्ट्र ओमिक्रॉन से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के मामले 167 हैं, जबकि दिल्ली में अभी तक 165 हैं. इसके अलावा केरल में 57, तेलंगाना में 55 और गुजरात में 49 मामले सामने आए हैं.
बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रॉन के खतरे के बीच मंगलवार को देश को 3 अच्छी खबरें मिली हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो नई वैक्सीन और एक एंटीवायरल दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. मंत्रालय ने जिन दो वैक्सीन को मान्यता दी है, उनमें पहली कोर्बिवैक्स और दूसरी कोवोवैक्स है. तीसरी दवा एक एंटी वायरल गोली है जिसका नाम मोलनुपिराविर है. गोली को दूसरे अन्य कैप्सूल की तरह पानी के साथ लिया जा सकता है. भारत में अब तक कोरोना से लड़ने के लिए कुल 8 वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है.
आठ वैक्सीन में कोविशील्ड, कोवाक्सिन, रूस की स्पुतनिक वी, अमेरिका की फाइजर वैक्सीन और जॉनसन एंड जॉनसन को भी इमरजैंसी के लिए अनुमति दी जा चुकी है लेकिन फिलहाल ये उपलब्ध नहीं हैं. इसके अलावा जायडस कैडिला वैक्सीन को भी मान्यता मिल चुकी है और अब कोर्बिवैक्स और कोवोवैक्स भी आ गई है.
कोर्बिवैक्स पहली प्रोटीन बेस्ड वैक्सीन है जिसे हैदराबाद की दवा कंपनी बायोलॉजिकल-E ने तैयार किया है. इसे बनाने के लिए कोरोनावायरस पर मौजूद स्पाइक प्रोटीन के चुनिंदा अंशों का इस्तेमाल किया गया है. कोरोना वायरस में मौजूद स्पाइक प्रोटीन ही वायरस को किसी इंसान के शरीर में मौजूद कोशिकाओं तक पहुंचाने में मदद करता है. वायरस इसके बाद शरीर में संक्रमण बढ़ाता है और बीमारी पैदा कर देता है. वैज्ञानिकों के अनुसार जब कोरोनावायरस का ये स्पाइक प्रोटीन को लैब में बदलाव करके वैक्सीन के साथ इंसान के शरीर में डाला जाता है तो ये एक असरदार इम्यून सिस्टम तैयार करता है.