उत्तर प्रदेश

पेटीएम हैक करके निकाले 65 हजार, नौ माह बाद कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज

13 Feb 2024 1:34 AM GMT
पेटीएम हैक करके निकाले 65 हजार, नौ माह बाद कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज
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आगरा  : आगरा में बिहार के गैंग ने यमुनापार के 5 मई 2023 को एकाउंटेंट का पेटीएम हैक करके 65 हजार रुपये के रिचार्ज करा लिए। पीड़ित ने इसकी जानकारी पेटीएम बैंक और पुलिस को दी। पुलिस ने साइबर सेल में शिकायत करने को कहा। 5 माह चक्कर काटने के बाद साइबर सेल और थाना …

आगरा : आगरा में बिहार के गैंग ने यमुनापार के 5 मई 2023 को एकाउंटेंट का पेटीएम हैक करके 65 हजार रुपये के रिचार्ज करा लिए। पीड़ित ने इसकी जानकारी पेटीएम बैंक और पुलिस को दी। पुलिस ने साइबर सेल में शिकायत करने को कहा। 5 माह चक्कर काटने के बाद साइबर सेल और थाना एत्माद्दौला पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। अब कोर्ट के आदेश पर आईटी एक्ट में बिहार के गैंग के सदस्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
रामनगर, एत्माद्दौला निवासी यतेंद्र अग्रवाल ने बताया कि वह प्राइवेट अस्पताल में एकाउंटेंट हैं। 19 मई 2023 की शाम को उनके पेटीएम एकाउंट को हैक कर लिया गया। कुछ ही देर में बिहार के समस्तीपुर के हैकर्स ने पहले 60 हजार और फिर 5 हजार रुपये के रिचार्ज करा लिए। इसकी जानकारी होने पर उन्होंने तुरंत ही पेटीएम बैंक में जानकारी दी। बैंक ने उन्हें संबंधित थाने में जानकारी देने को कहा।

उन्होंने एत्माद्दौला थाने में सूचना दी तो उन्होंने साइबर सेल जाने को कह दिया। वह साइबर सेल पहुंचे तो थाने से प्रार्थनापत्र अग्रसारित करके लाने को कहा। थाने से उन्हें रसीद दी गई कि आपकी शिकायत दर्ज हो गई है, लेकिन इसके बाद आज तक हैकर्स का पता नहीं चल सका। उनका पेटीएम एकाउंट भी तभी से चालू नहीं हो सका है, क्योंकि एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। इसके बाद उन्होंने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने 11 फरवरी को बिहार के हैकर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

थानों में बनीं साइबर हेल्प डेस्क दिखावा
बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई थी, लेकिन यह डेस्क दिखावा बनकर रह गई हैं। पीड़ितों को साइबर सेल जाने की सलाह देकर टहला दिया जाता है। पीड़ित थाने से साइबर सेल तक चक्कर काटते रहते हैं मगर सुनवाई नहीं होती है। कई बार तो पीड़ितों को सलाह दी जाती है कि वह सब्र कर लें। हैकर्स विदेशी भी हो सकते हैं, उन्हें पकड़ना संभव नहीं है। यही कारण है कि साइबर फ्राड तेजी से बढ़ रहे हैं। आगरा में बाह के बीहड़ों में भी पिछले दिनों साइबर क्राइम करने वाला गिरोह पकड़ा गया था।

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