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कोरोना की तीसरी लहर के पीक में रोजाना 6.21 लाख मरीज मिल सकते हैं, 3.45 लाख लोगों को ऑक्सीजन बेड्स की होगी आवश्यकता
Renuka Sahu
11 July 2021 5:45 AM GMT
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फाइल फोटो
देश में भले ही कोरोना के मामलों में पिछले कुछ दिनों में कमी आई है, लेकिन अभी भी इसकी दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है. आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर जल्द ही देश में दस्तक दे सकती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।देश में भले ही कोरोना के मामलों में पिछले कुछ दिनों में कमी आई है, लेकिन अभी भी इसकी दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है. आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर जल्द ही देश में दस्तक दे सकती है. इस बीच केंद्र सरकार की तरफ से कोरोना महामारी से निपटने के लिए बनाए गए अधिकार प्राप्त समूहों ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियों का एक रोडमैप तैयार किया है.
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार की तरफ से बनाए गए अधिकार प्राप्त समूहों ने अनुमान लगाया है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के पीक के दौरान जहां एक दिन में 4.14 लाख मरीज मिले थे, वहीं कोरोना की तीसरी लहर के पीक में रोजाना 6.21 लाख मरीज मिल सकते हैं. इसके अलावा अगर एक दिन में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 1 करोड़ तक पहुंच जाए, तब किस-किस चीज की जरूरत होगी इसका भी रोडमैप तैयार किया गया है.
एक्टिव मरीजों में 23 फीसदी को होगी अस्पतालों की आवश्यकता
रोडमैप के तहत उस समय 1 करोड़ एक्टिव मरीजों में से 23 फीसदी मरीजों को अस्पतालों की आवश्यकता होगी. अनुमान के मुताबिक तब करीब 69 हजार लोगों को आईसीयू बेड्स और 3.45 लाख लोगों को ऑक्सीजन बेड्स की आवश्यकता होगी. फिलहाल सरकारी आंकड़ों में देश में अभी 75,867 आईसीयू बेड्स हैं. इसके अलावा देश में अभी 2.55 लाख ऑक्सीजन बेड्स उपलब्ध हैं. साथ ही देश में अभी 4.95 लाख आइसोलेशन बेड्स उपलब्ध हैं.
दूसरी लहर के पीक के दौरान एक दिन में मिले थे 4.14 लाख मरीज
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अगर तीसरी लहर में हालात बिगड़ते हैं तो करीब 90 हजार ऑक्सीजन ही बेड्स कम पड़ेंगे. कोरोना की दूसरी लहर में भी यही सरकारी आंकड़ा दिया गया था, बावजूद इसके फिर भी देश में ऑक्सीजन बेड्स की किल्लत हो गई थी. कोरोना की दूसरी लहर में 15 से 20 फीसदी मरीजों को अस्पताल जाना पड़ा था. उधर कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए सरकार 2500 करोड़ रुपए की वैक्सीन खरीदने की तैयारी कर रही है.
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