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नवजोत सिंह सिद्धू के आवास पर पहुंचे 62 MLA, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बोले- बदलाव की बयार
jantaserishta.com
21 July 2021 5:52 AM GMT
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पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के नए अध्यक्ष बनाए गए नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ताजपोशी के बाद से ही समर्थकों से मिल रहे हैं. लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनकी मुलाकात अभी तक नहीं हो पाई है और ना ही दोनों के बीच की तकरार खत्म होती दिख रही है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने साफ कर दिया है कि जबतक नवजोत सिंह सिद्धू उनसे सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगेंगे, तबतक वह मुलाकात नहीं करेंगे. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने ऐसे कौन-से बयान दिए हैं, जिनपर अमरिंदर सिंह इतना खफा हुए हैं. एक नज़र डालिए...
लोकसभा चुनाव के बाद से ही कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की तकरार जारी है. पंजाब के मंत्रिमंडल से नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा भी दिया था. तभी से सिद्धू खुले तौर पर कैप्टन के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं. अब जब अगले साल विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में सिद्धू के ये हमले तेज़ हुए हैं और सोशल मीडिया पर उनके निशाने पर सीधे तौर पर कैप्टन की सरकार रहती है.
अमृतसर में नवजोत सिंह सिद्धू
दूसरी ओर नए-नए अध्यक्ष बने नवजोत सिंह सिद्धू का समर्थकों से मिलना जारी है. बुधवार को नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर में हैं और उनके घर पर विधायकों का जुटना जारी है. नवजोत सिंह सिद्धू का दावा है कि उनके साथ 62 विधायक मौजूद हैं. बता दें कि पंजाब में कांग्रेस के कुल विधायकों की संख्या 80 है.
सिद्धू इस दौरान स्वर्ण मंदिर का भी दौरा करेंगे. बीते दिन सिद्धू अमृतसर पहुंचे थे, जहां उनका ज़ोरदार स्वागत किया गया. बुधवार को ही नवजोत सिंह सिद्धू का वाल्मीकि मंदिर जाने का भी प्लान है.
कैप्टन ने समर्थकों को लंच पर बुलाया
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 21 जुलाई यानी आज सभी विधायकों, सांसदों को पंचकूला में लंच पर बुलाया है. जब नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, उसके बाद कैप्टन ने ये बुलावा भेजा था. हालांकि, इसमें सिद्धू को आमंत्रित नहीं किया गया है. ऐसे में देखना होगा कि कैप्टन इस लंच के बहाने केंद्रीय आलाकमान को क्या संदेश देना चाहते हैं.
Punjab Congress president Navjot Singh Sidhu calls party MLAs for breakfast at his residence in Amritsar.
— ANI (@ANI) July 21, 2021
Why should Sidhu apologise (to CM)? It's not a public issue. CM has not solved many issues. In that case, he should also apologise to public: Congress MLA Pargat Singh. pic.twitter.com/ttK5WRkoRR
''सच बोलने पर सवाल...''
हालिया वक्त में नवजोत सिंह सिद्धू ने कई बार कैप्टन अमरिंदर सिंह पर सीधा वार किया. मई महीने में नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि लोगों के मुद्दे उठा रहे मंत्री, विधायक और सांसद पार्टी को मजबूत कर रहे हैं, अपने लोकतांत्रिक कर्तव्यों को पूरा कर रहे हैं और अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन सच बोलने वाला हर व्यक्ति आपका दुश्मन बन जाता है.
इसके अलावा जब पंजाब में गुरू ग्रंथ साहिब के साथ हुई बेअदबी का मामला चरम पर था, तब नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि अभी तक आरोपियों के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं हुआ है. सिद्धू ने अपने ट्वीट में लिखा था कि आप इधर-उधर की बात न करें, बताएं कि गुरु साहिब की बेअदबी का इंसाफ क्यों नहीं मिला, नेतृत्व पर सवाल है, मंशा पर बवाल है.
बिजली संकट पर सरकार को घेरा था...
अभी कुछ दिन पहले ही जब पंजाब में अचानक से बिजली संकट पैदा हो गया था, तब नवजोत सिंह सिद्धू ने कई ट्वीट कर पंजाब सरकार पर सवाल खड़े किए थे. नवजोत सिंह सिद्धू ने बिजली माफियाओं के साथ मिलीभगत, राज्य सरकार का महंगे दाम पर बिजली खरीदना समेत अन्य मसलों पर सवाल खड़े किए थे.
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू लगातार कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. बीते दिन एक वीडियो जारी कर नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मुलाकात को दिखाया, इसमें सिद्धू कहते हुए दिख रहे है कि वह पंजाब की जनता को उनकी ताकत वापस देना चाहते हैं. मैं यहां पर अलख जगाने आया हूं, ताकि पंजाब का हर इंसान ताकतवर बन सके.
अभी हाल ही में जब आम आदमी पार्टी ने नवजोत सिंह सिद्धू की तारीफ की, तब सिद्धू ने इसी बहाने कैप्टन अमरिंदर पर तंज कसा था. सिद्धू ने ट्वीट में लिखा कि विपक्ष मेरी तारीफ कर रहा है, वहीं कुछ कांग्रेसी कह रहे हैं कि तुम अगर आप (AAP) में आयोगे तो कोई बात नहीं ... तुम अगर कांग्रेस में रहोगे तो मुश्किल होगी.
सिद्धू की ताजपोशी में दीवार बने थे अमरिंदर
नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस आलाकमान लंबे वक्त से प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता था, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह दीवार बनकर खड़े हुए थे. उन्होंने लगातार सिद्धू को कोई भी अहम पद दिए जाने का विरोध किया. हालांकि, लंबी अड़चन के बाद सिद्धू को कमान दे दी गई. अब हर किसी की नज़र इस बात पर है कि क्या कैप्टन और सिद्धू के बीच की दूरी खत्म होती है या फिर कांग्रेस को इस आपसी लड़ाई का चुनाव में नुकसान उठाना पड़ेगा.
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