60 करोड़ कैश जब्त, जूता कारोबारियों को हिरासत में ले सकती है आईटी टीम
आगरा। आयकर विभाग ने शनिवार को एक साथ तीन बड़े जूता कारोबारियों के एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापा मारा। इनमें जयपुर हाउस स्थित हरमिलाप ट्रेडर्स के प्रोपराइटर रामनाथ डंग के आवास पर 60 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी मिली है। यह नोट बैड, डिब्बों और अलमारियों में भरे हुए थे। कुछ मशीनों के गर्म होने पर रात 12 बजे के बाद भी नई मशीनें मंगवाकर नोटों की गिनती की जा रही थी।
छापे में एक सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित आय का पर्दाफाश की संभावना है। तीनों ही कारोबारियों के यहां बड़े स्तर पर भूमि में निवेश, सोने की खरीद की जानकारी भी मिली है। फतेहाबाद इनर रिंग रोड के पास भूमि में बड़े निवेश के दस्तावेज मिले हैं।
आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने शनिवार सुबह 11 बजे हींग की मंडी स्थित हरमिलाप ट्रेडर्स, सुभाष पार्क के नजदीक स्थित बीके शूज, धाकरान चौराहा स्थित उनके ही परिवार की मंशु फुटवियर के प्रतिष्ठान व घर समेत लगभग एक दर्जन ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई शुरू की। हरमिलाप ट्रेडर्स का शू मैटेरियल की ट्रेडिंग, बीके शूज व मंशु फुटवियर कंपनी का शू ट्रेडिंग के साथ फैक्ट्री भी हैं। टीम को हरमिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ डंग के जयपुर हाउस स्थित आवास पर कार्रवाई में सबसे ज्यादा नकदी मिली। कार्रवाई शुरू होने के कुछ देर में ही नोटों के ढेर एकत्रित होने शुरू हुए तो आयकर विभाग के अधिकारी भी चौंक गए। इतनी बड़ी नकदी पिछले कुछ वर्षों में यहां नहीं मिली है। नोटों को गिनने को बैंकों से मशीनें मंगवाईं। छापे में शामिल आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आधी रात तक 60 करोड़ रुपये की नकदी गिनी जा चुकी है, लेकिन अभी काफी नोट बिना गिने रह गए हैं। नोटों में 500-500 की ही गड्डियों के ढेर पलंग पर लग गए थे।
आयकर विभाग ने शू कारोबारियों के प्रतिष्ठानों पर लैपटाप, कंप्यूटर व मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। उनसे डेटा लिया जा रहा है। रसीदों व बिल के साथ स्टाक रजिस्टर की जांच में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैं। सबसे बड़ी पर्ची कारोबार को लेकर है, जो नोटों की जगह चलती थीं। आगरा के जूता कारोबार में व्यापारियों की पर्ची का बड़ा लेन-देन होता है, जिनके भुगतान की अवधि अलग-अलग होती है। बड़े कारोबारी इन पर्चियों पर जल्द भुगतान दे देते हैं लेकिन कुछ कमीशन काट लेते हैं। बाद में पर्ची का व्यापारी से निश्चित अवधि पूरी होने पर भुगतान ले लेते हैं। एक प्रतिष्ठान के संचालक ने अपने आइफोन का लाक नहीं खोला। उसमें लेनदेन के बड़े राज छिपे हो सकते हैं।