Airtel और Reliance Jio की 5G सर्विसेज इन शहरों में जल्द होंगी शुरू
दिल्ली: इस महीने की शुरुआत में लॉन्च की गई 5G सर्विसेज को Airtel और Reliance Jio ने चुनिंदा शहरों में उपलब्ध कराया है। ये दोनों टेलीकॉम कंपनियां अगले कुछ महीनों में बहुत से शहरों में ये सर्विसेज पहुंचाने की तैयारी कर रही हैं। Jio ने 5G सर्विसेज शुरुआत में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और वाराणसी में ट्रायल के तौर पर सब्सक्राइबर्स को दी हैं। Airtel की ये सर्विसेज दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और वाराणसी सहित आठ शहरों में शुरू की गई हैं। ये दोनों टेलीकॉम कंपनियां आगामी महीनों में बहुत से शहरों में 5G नेटवर्क को उपलब्ध कराएंगी। Jio की योजना अहमदाबाद, चंडीगढ़, बेंगलुरु, गुरूग्राम, जामनगर, गांधीनगर, चेन्नई, पुणे, हैदराबाद और लखनऊ में इन सर्विसेज को शुरू करने की है। Airtel ने अपने 5G नेटवर्क में अहमदाबाद, गांधीनगर, कोलकाता, पुणे, गुरूग्राम, चंडीगढ़ और जामनगर को शामिल करने की तैयारी की है।
रिलायंस जियो के यूजर्स को SIM को बदलने की जरूरत नहीं होगी। कंपनी सभी हैंडसेट ब्रांड्स के साथ उनके 5G हैंडसेट्स को रिलायंस जियो की इन सर्विसेज के लिए सक्षम बनाने पर काम कर रही है। हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज की 45वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने देश भर में 5G नेटवर्क पर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का खर्च करने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5G सर्विसेज लॉन्च के लॉन्च पर कहा था कि इससे देश में मोबाइल फोन्स पर हाई-स्पीड इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकेगा। उनका कहना था कि देश के लोगों को टेलीकॉम इंडस्ट्री की ओर से 5G के तौर पर एक शानदार उपहार मिल रहा है।
Ericsson की ओर से किए गए एक सर्वे से पता चला है कि इस हाई-स्पीड नेटवर्क के लॉन्च होने के बाद टेलीकॉम कंपनियों के एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर (ARPU) में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। सर्वे में शामिल यूजर्स में से लगभग 36 प्रतिशत ने कहा कि वे इस नेटवर्क के लिए बेस्ट सर्विस प्रोवाइडर को चुनेंगे। 5G को सपोर्ट वाले स्मार्टफोन रखने वाले लगभग 60 प्रतिशत यूजर्स का कहना था कि उन्हें इस नेटवर्क के साथ इनोवेटिव एप्लिकेशंस के आने की भी उम्मीद है। शहरों में 5G पर अपग्रेड करने का इरादा रखने वाले यूजर्स की संख्या अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से दोगुनी अधिक है जहां यह नेटवर्क पहले ही लॉन्च किया जा चुका है। केंद्र सरकार ने इस नेटवर्क को दो वर्षों के अंदर पूरे देश में पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।