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कुपोषण: केंद्रीय कोष से देश में पोषण अभियान के लिए जारी किए गए 5,31,279.08 लाख, लकिन इस्तेमाल हुआ इतना

jantaserishta.com
2 Dec 2021 3:34 AM GMT
कुपोषण: केंद्रीय कोष से देश में पोषण अभियान के लिए जारी किए गए 5,31,279.08 लाख, लकिन इस्तेमाल हुआ इतना
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फाइल फोटो 

नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, पोषण अभियान कार्यक्रम के तहत जारी धन, जिसका उद्देश्य देश में कुपोषण पर रोक लगाना है, का गंभीर रूप से कम उपयोग किया जा रहा है.महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्रीय कोष से देश में पोषण अभियान के लिए जारी किए गए 5,31,279.08 लाख रुपये में से केवल 2,98,555.92 लाख रुपये का ही उपयोग किया गया है.

आंकड़े बताते हैं कि मार्च 2021 तक पश्चिम बंगाल को जारी किए गए 26,751.08 लाख रुपये में से अब तक किसी भी पैसे का उपयोग नहीं किया गया है. इसी तरह, केंद्र द्वारा उत्तर प्रदेश को जारी किए गए 56,968.96 लाख रुपये में से राज्य ने इसी अवधि में केवल 19,219.28 लाख रुपये का उपयोग किया है.मध्य प्रदेश ने 2019 से अब तक जारी 39,398.53 लाख रुपये में से 19,219.28 लाख रुपये खर्च किए हैं, और राजस्थान ने इस धन का 50 प्रतिशत से भी कम खर्च किया है. जिन 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मंत्रालय ने डेटा जारी किया है, उनमें से किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश ने पोषण अभियान के लिए अपने फंड का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया है.
मार्च में दोनों सदनों में किया गया था पेश
राज्य सभा सदस्य विनय सहस्रबुद्धे के नेतृत्व में शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल पर संसदीय स्थायी समिति ने सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर अपनी 333वीं रिपोर्ट में विभिन्न योजनाओं के तहत मंत्रालय द्वारा जारी धन के कम उपयोग का मुद्दा उठाया है. महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की अनुदान मांगों पर 326वीं रिपोर्ट में निहित टिप्पणियों/सिफारिशों पर, जिसे इस वर्ष मार्च में दोनों सदनों में पेश किया गया था.26 नवंबर को हुई एक बैठक के बाद, हाउस पैनल ने कहा कि मंत्रालय ने धन के कम उपयोग के कारणों को "छोड़ दिया" है.
समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और वित्तीय विवेक का प्रयोग करना चाहिए और बांटे गए धन का इष्टतम और विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए और कारणों के साथ-साथ धन के कम उपयोग के लिए राज्यवार सूची भी प्रदान करनी चाहिए. इसकी रिपोर्ट मंगलवार को संसद में पेश की गई.समिति ने कहा है कि डब्ल्यूसीडी मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी नहीं दी है कि कैसे आंगनवाड़ी केंद्रों और कार्यकर्ताओं, आईसीडीएस के कार्यान्वयन और पूरक पोषण के केंद्र बिंदु की निगरानी "जमीनी स्तर पर" की जा रही है.वहीं स्वास्थ्य शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए एक आंकड़ों से पता चला है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पांच साल से कम उम्र के 50 फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार है. यह स्थिति अयोध्या में राम राज्य स्थापित करने के प्रयासों से एकदम उलट है.
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