महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी बारिश (Maharashtra Rainfall) की वजह से हालात बिगड़ गए हैं. बारिश के चलते कई इलाके जलमग्न हो गए तो कई जगह लैंडस्लाइड्स (Landslides) भी हुईं, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई. राज्य के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने शनिवार को जानकारी दी कि महाराष्ट्र में बाढ़ और लैंडस्लाइड्स से अब तक 76 लोगों की जान जा चुकी है. 38 घायल हैं और 59 लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश में एनडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियां लगी हुई हैं.
एनडीआरएफ ने बताया कि देश के किसी भी हिस्से में बाढ़ के दौरान तत्काल प्रतिक्रिया के लिए, विभिन्न हिस्सों में एनडीआरएफ की कुल 149 टीमों को तैनात किया गया है. टीमों ने महाराष्ट्र में विभिन्न लैंडस्लाइड वाले स्थलों से 52 शव निकाले हैं. इसके अलावा, लापता लोगों की तलाश जारी है. वहीं, मुंबई के वर्ली इलाके में निर्माणधीन बिल्डिंग में लिफ्ट गिरने से चार लोगों की जान चली गई, जबकि एक की हालत गंभीर बताई जा रही है. हालात का जायजा लेने के लिए आदित्य ठाकरे घटनास्थल पर पहुंचे हैं.
राज्य का रायगढ़ जिला बारिश की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है, जहां पर 47 लोगों की जान चली गई. इसमें से तलिए गांव में गुरुवार को हुई लैंडस्लाइड की घटना में ही 37 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा कि पिछले चार दिनों में भारी बारिश से प्रभावित नौ जिलों से अब तक 90,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. तटीय कोंकण क्षेत्र के रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों के कुछ हिस्से और पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
इसके अलावा, सतारा जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. एजेंसी के अनुसार, पवार ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 21 टीमें बारिश से प्रभावित जिलों में सेना, तटरक्षक बल और अन्य की 14 टीमों के साथ काम कर रही हैं. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की चार टीमें भी लोगों को बचाने के अभियान में शामिल हो गई हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, राज्य के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ में 76 लोगों की मौत हो गई और 38 अन्य घायल हो गए, जबकि 30 लोग लापता हो गए.