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5 साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या, पिता ने कहा इस शहर में दोबारा नहीं लौटूंगा
jantaserishta.com
16 April 2022 1:32 AM GMT
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पूणा: मंगलवार को पूणा इलाके में 5 साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। अब उसके पिता का कहना है कि मैं अब इस शहर में दोबारा नहीं लौटूंगा। मैं कुछ सोच कर इस शहर में आया था। लेकिन जब मेरा परिवार ही सुरक्षित नहीं है ताे यहां रह कर कोई मतलब नहीं। सिर्फ मुकदमे की तारीखों पर लौटूंगा। यह अकेला ऐसा मामला नहीं है जिसमें पीड़ित परिवार ने शहर छोड् दिया या छोड़़ने का मन बना रहे हैं।
शहर में बढ़ते क्राइम के चलते लाेगाें काे अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता भी हाेने लगी है। कई पीड़ित परिवाराें ने शहर भी छाेड़ दिया है और दोबारा से शहर में ना आने की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब उनका परिवार शहर में सुरक्षित नहीं है तो यहां रहने का कोई मतलब नहीं है। वहीं कुछ परिवार शहर में बच्चाें के अपहरण और दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं से घबराकर शहर छाेड़ रहे हैं।
उनका कहना है कि यहां बच्चों के अपहरण-दुष्कर्म के अलावा छोटी-छोटी बात पर मारपीट और हत्या हो रही है। शहर छाेड़ने का मन बना चुके एक परिवार के लोगों ने बताया कि लाेग कुछ उम्मीद लेकर नए शहर में जाते हैं। चाहत हाेती है कि गैर मौजूदगी में भी उनका परिवार सुरक्षित हाे। साथ ही परिवार के लाेग भी चाहते हैं कि जो कोई परिवार का सदस्य बाहर कमाने जा रहा है वह भी घर पर सुरक्षित लौटे। लेकिन विगत दिनाें में शहर में बढ़ रही अपराध की घटनाओं काे देखते हुए कई परिवार छोड़ शहर छाेड़कर जा चुके हैं।
1 लाख का कर्जा हुआ तो कमाने को सूरत आया, अब बोला-फिर नहीं आऊंगा वापस
बच्ची के पिता ने बताया था कि कुछ समय पहले उसने अपने गांव जालोद में घर बनाया था। उस पर एक लाख रुपए का कर्जा हो गया था और वही चुकाने के लिए वह 2 महीने पहले सूरत मजदूरी करने के लिए आ गया था। बच्चे अपनी मां के बगल सोई हुई थी और उसके बगल में उसका बड़ा भाई और उसके बगल 7 साल की बड़ी बहन लेटी हुई थी। मैं शाम 7 बजे तक काम खत्म कर आया था और खाना खाने के बाद सोते-सोते रात के 11 बज गए थे। बच्ची की मां की नींद खुली तो उसने देखा कि उबच्ची गायब है।
इसके बाद उसने मुझे जगाया। मैं बच्ची को ढूंढने निकला। करीब 1 घंटे तक ढूंढने के बाद वह नहीं मिली तो मुझे एक पुलिस वाले मिले। उन्होंने मुझे पुलिस थाने जाने के लिए कहा। मैं पूणा पुलिस स्टेशन गया, वहां पर पुलिस की 8 से 9 गाड़ियां बच्ची को ढूंढने के लिए करीब 1:30 बजे निकलीं और उन्होंने आसपास का सीसीटीवी कैमरा सुबह 6 बजे चेक किया। इसके बाद जिस जगह बच्ची मिली उसी के सामने एक ऑटो चालक से पुलिस ने पूछा तब आरोपी के बारे में पता चला।
फिर पुलिस उस ऑटो चालक को लेकर आरोपी के घर गई और उसे गिरफ्तार किया। इसके बाद उसी ने बताया कि बच्ची को कहां है फेंका हुआ है। इसमें कुछ ऐसे भी मामले हैं जहां खुद कमाने के लिए शहर में रहकर अपने परिवार को गांव में छोड़ दिया है ताकि उनके बाकी बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का कोई अपराध ना हो जाए।
सता रहा डर: आरोपी बेल पर बाहर आ गया तो परिवार को गांव छोड़ दिया
पांडेसरा के जीवनदीप नगर में 11 साल 26 अगस्त 2020 को आकाश तिवारी की हत्या कर शव घर में छिपा दिया था। जिसका खुलासा होने के बाद परिवार ने 19 वर्षीय आरोपी अमन शिवहरे को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया और आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। परिवार के सामने पुलिस को दिए बयान में आरोपी अमन ने कहा कि गेम खेलने की बात को लेकर उसने बच्चे का गला दबाकर हत्या कर दी थी।
इस बारे में आकाश के पिता संतोष तिवारी ने बताया कि वह खुद सिक्योरिटी की नौकरी करते हैं। इसलिए वह इस शहर को छोड़कर नहीं जा पाएंगे। लेकिन अब आकाश तो इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी बेटी और पत्नी है जो घर पर ही रहती है। आरोपी के इस तरह से बाहर आ जाने के बाद एक डर का माहौल हो चुका है। इसलिए उन्हें गांव भेज दिया है। डर है कि आरोपी उसकी बेटी के साथ भी कुछ भी कर सकता है। इसीलिए अब उन्हें शहर में नहीं रखना है।
5 साल पहले हुए दुष्कर्म के मामले में परिवार गांव गया
करीब 5 साल पहले एक ढाई साल की बच्ची से दुष्कर्म हुआ था। जिसमें दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा था। बच्ची की मौत हो गई थी। फिलहाल कोर्ट में केस चलने के बाद आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया गया। परिवार को सरकार द्वारा करीब 12 लाख रुपए का मुआवजा मिला था। लेकिन अब वह परिवार पिछले ढाई साल से गांव में जाकर रह रहा है। यह घटना पांडेसरा के नेम नगर की थी।
परिवार का कहना है कि आरोपी खुद अब बाहर है भले ही बच्ची से दुष्कर्म की बात साबित हो चुकी थी लेकिन फिर भी आरोपियों के साथ कुछ नहीं हुआ। इसलिए अब तो शहर में रहना खतरा बन चुका है।
सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने के लिए पुलिस के कैंपेन
शहर में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने प्रतिदिन तीन बार अलग-अलग तरह की पेट्रोलिंग शुरू की है। बच्चियों को दुष्कर्म से बचाने के लिए गुड टच बैड टच भी सिखायाजा रहा है। घरेलू हिंसा मारपीट से महिलाएं अपना बचाव कर सकें इसलिए उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी पुलिस सोसाइटियों में जा कर देती है।
इसके अलावा जो भी मजदूर परिवार अपने बच्चों को घर पर छोड़ कर काम पर जाते थे उनके लिए डे केयर सेंटर भी पुलिस स्टेशनों में शुरू किए गए हैं। वही मजदूर वर्ग के इलाकों में सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं।
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