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5 मर्डर: मामला पूरी तरह से पलटा, क्या हुआ था सालों पहले?

jantaserishta.com
7 Nov 2024 2:21 PM GMT
5 मर्डर: मामला पूरी तरह से पलटा, क्या हुआ था सालों पहले?
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सामूहिक हत्याकांड की गुत्थी....
वाराणसी: वाराणसी में कारोबारी राजेंद्र गुप्ता और उनके परिवार के चार लोगों की हत्या के मामले में एक और जानकारी सामने आई है. जिसे 28 साल पहले हुए राजेंद्र के भाई-भाभी और पिता की हत्या से जोड़कर देखा जा रहा है. साथ ही उस घटना से 'कनेक्शन' भी खोजा रहा है. दरअसल, राजेंद्र, उसकी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (नक्कटैया मेले के दिन) को हुई. गौर करने वाली बात यह है कि ठीक 28 साल पहले भी इसी तिथि पर और इसी भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी स्थित मकान में राजेंद्र के भाई कृष्णा और उनकी पत्नी मंजू की गोली मारकर हत्या हुई थी.
कृष्णा और मंजू की तेरहवीं भी नहीं हुई थी कि राजेंद्र के पिता को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया. इन सभी के कत्ल का आरोप राजेंद्र गुप्ता पर लगा था. वह जेल भी गया था. लेकिन सही से पैरवी ना होने पर रिहा हो गया था. बाहर आने के बाद उसने सारी संपत्ति हथिया ली और कृष्णा और मंजू के बच्चों यानि अपने दोनों भतीजों को किनारे कर दिया.
बता दें कि वाराणसी के भेलूपुर इलाके में बीते मंगलवार को राजेंद्र की पत्नी, दो बेटों और एक बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद राजेंद्र की भी लाश 15 किमी दूर उसी के निर्माणाधीन मकान में मिली थी. पहले माना जा रहा था कि राजेंद्र ने ही अपने परिवार के 4 सदस्यों की हत्या कर दी. इसके बाद फरार हो गया, लेकिन उसकी लाश मिलने के बाद पुलिस की जांच की दिशा बदल गई. क्योंकि, राजेंद्र के शरीर पर गोलियों के तीन निशान मिले हैं. इससे जाहिर होता है कि राजेंद्र की भी हत्या हुई है.
शुरुआती तौर पर पुलिस एक ही परिवार के 5 लोगों के कत्ल के पीछे का कारण 22 साल पुरानी रंजिश को मान रही है. राजेंद्र ने अपने भाई, भाभी की हत्या कर दी थी. फिर पिता और एक गार्ड की हत्या में भी उसका नाम सामने आया था.
पुलिस राजेंद्र गुप्ता परिवार की हत्या के पीछे 22 साल पुरानी रंजिश के पन्नों को खंगाल रही है. जिसके चलते राजेंद्र को जेल की हवा खानी पड़ी थी. आरोप है कि राजेंद्र ने अपने भाई, उसकी पत्नी, पिता लक्ष्मी नारायण और उनके एक गार्ड की 1996-97 में हत्या की थी. उस वक्त भाई कृष्णा के दो बेटे प्रशांत उर्फ जुगनू और विक्की छोटे थे. बाद में इन दोनों बेटों ने राजेंद्र को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में लगातार पैरवी की. अपने बयान भी दर्ज करवाए, लेकिन राजेंद्र को जमानत मिल गई.
ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कहीं राजेंद्र गुप्ता के भतीजे विक्की और जुगनू ने तो इस वारदात को अंजाम नहीं दिया. चूंकि, मां-बाप (कृष्णा और मंजू) की हत्या के वक्त वो बहुत छोटे थे. बड़े होने पर उन्होंने चाचा राजेंद्र और उसके परिवार का सफाया कर दिया.
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