
x
कर्नाटक। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत के बाद शनिवार को सिद्धारमैया के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो गया। सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो उनके साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने भी शपथ ग्रहण की, जो उप मुख्यमंत्री बने हैं। पार्टी के सीनियर नेता जी परमेश्वर, एम बी पाटिल, प्रियंक खरगे, के एच मुनियप्पा, के जे जॉर्ज, सतीश जार्कीहोली, रामालिंगा रेड्डी और बी जेड जमीर अहमद खान ने मंत्री पद की शपथ ली। प्रियंक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पुत्र हैं। शपथ ग्रहण के कुछ देर बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव में दी गई '5 गारंटी' को लागू करने को मंजूरी प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि शुरुआती अनुमानों से संकेत मिलता है कि पांचों गारंटी पर सरकारी खजाने पर सालाना 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पर सहमति बन गई है। हम वादों से पीछे नहीं हटेंगे। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सबकी निगाहें मंच पर इसलिए बार-बार जा रही थीं कि वहां देश के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता और विपक्ष शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। वे एक दूसरे से बड़ी गर्मजोशी से मिल रहे थे। इन सबके बाद निगाहें अब उन बड़े-बड़े वादों पर टिकी हैं जो कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल थे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन वादों पर खरा उतरना इतना आसान नहीं होगा। सिद्धारमैया सरकार के सामने ये 5 बड़ी चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं...
'पांच गारंटी' योजना: कर्नाटक सरकार का पहले से ही सब्सिडी पर सालाना 31,367 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है। ऐसे में '5 गारंटी' के लिए जरूरी अतिरिक्त व्यय और वित्त का प्रबंधन बड़ी चुनौती होगी।
सरकारी वैकेंसी: कांग्रेस की ओर से एक साल के भीतर सभी सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने का वादा किया गया है। फिलहाल कुल 769,000 सरकारी नौकरियों में से एक तिहाई सीट खाली हैं।
OBC आरक्षण: कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने का वादा किया गया है। इसमें मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण बहाल करना और OBC के लिए आरक्षण में बढ़ोतरी करना शामिल है।
जातीय जनगणना: कांग्रेस ने पिछले सिद्धारमैया कार्यकाल (2013-18) के दौरान किए गए सामाजिक आर्थिक जाति सर्वेक्षण को जारी करने की बात कही है। हालांकि, फिलहाल यह विवादास्पद जनगणना ठंडे बस्ते में है।
पुरानी पेंशन योजना (OPS): 2006 के बाद सर्विस में शामिल होने वाले पेंशनभोगी कर्मचारियों के लिए ओपीएस के विस्तार पर विचार करने की बात कही गई है। यह वादा कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा है।
Tagsनई दिल्ली न्यूज हिंदीनई दिल्ली न्यूजनई दिल्ली की खबरनई दिल्ली लेटेस्ट न्यूजनई दिल्ली क्राइमनई दिल्ली न्यूज अपडेटनई दिल्ली हिंदी न्यूज टुडेनई दिल्ली हिंदीन्यूज हिंदी नई दिल्लीन्यूज नई दिल्लीनई दिल्ली हिंदी खबरनई दिल्ली समाचार लाइवnew delhi news hindinew delhi newsnew delhi ki khabarnew delhi latest newsnew delhi crimenew delhi news updatenew delhi hindi news todaynew delhi hindinews hindi new delhinews new delhinew delhi hindi newsnew delhi news liveदिन की बड़ी ख़बरअपराध खबरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBig news of the daycrime newspublic relation newscountrywide big newslatest newstoday's big newstoday's important newsHindi newsrelationship with publicbig newscountry-world newsstate wise newshindi newstoday's newsnew newsdaily newsbreaking news

Shantanu Roy
Next Story