रांची। 76वें गणतंत्र दिवस पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन मैदान में तिरंगा फहराया और सशस्त्र बलों के परेड की सलामी ली। इस मौके पर उन्होंने देश-राज्य के शहीदों एवं अमर विभूतियों की कुर्बानी और योगदान को नमन करते हुए कहा कि इनके नेतृत्व में हमारे हमारे देश ने बड़े संघर्षों के बाद स्वतंत्रता प्राप्त की और एक सशक्त लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में विश्व के मानचित्र पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने हर वर्ग के लिए योजनाएं और नीतियां बनायी है और उन्हें जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया है। झारखंड के गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों में एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार हुआ है। हर चेहरे पर उम्मीद की नई किरणें दिख रही हैं। हम जनता से किए हर वादे को पूरी संजीदगी से निभाने का प्रयास कर रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण को सरकार की पहली प्राथमिकता बताते हुए सोरेन ने कहा कि आज से लगभग पांच महीने पहले लागू की गई मईया सम्मान योजना अत्यंत प्रभावकारी साबित हो रही है और वर्तमान में लगभग 56 लाख महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं। इस सम्मान राशि से महिलाएं कर्ज की जंजीरों को तोड़ कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। यह योजना हमारी बहनों, दीदियों के चेहरे पर खुशी की गारंटी बन गई है। राज्य में रिक्त पदों पर नियुक्ति की चल रही प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा कि विभिन्न कोटि के लगभग 48 हजार पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को भेज दी गई है, जिसमें से 46 हजार पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है। इनमें से 5 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है तथा 28 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई अंतिम चरण में है। झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा 11वीं-13वीं सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया भी अंतिम चरणों में है, जल्द ही 342 पदों पर नियुक्ति हेतु परीक्षाफल प्रकाशित किए जाएंगे।
सीएम सोरेन ने कहा कि राज्य के युवाओं को हुनरमंद बनाने हेतु कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के निमित्त मुख्यमंत्री सारथी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत लगभग 4 लाख 84 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 2 लाख 14 हजार प्रशिक्षित युवाओं को जॉब ऑफर प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने संविधान निर्माताओं की परिकल्पनाओं के अनुसार लोगों से ऐसे राष्ट्र और राज्य के निर्माण का संकल्प लेने का आह्वान किया, जहां हर व्यक्ति का अधिकार सुरक्षित हो, सबको विकास का समान अवसर प्राप्त हो तथा कमजोर से कमजोर व्यक्ति की आवाज भी सत्ता के उच्चतम स्तर तक पहुंच सके।