झारखंड

जनवरी से लेकर अबतक 45 साइबर केस दर्ज, मात्र 16 का हुआ निष्पादन

jantaserishta.com
27 Nov 2023 11:59 AM GMT
जनवरी से लेकर अबतक 45 साइबर केस दर्ज, मात्र 16 का हुआ निष्पादन
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धनबाद। साइबर स्टेट का हाल बेहाल है। जनवरी से लेकर क्रिएटिव साइबर स्टेशन में 45 मामले दर्ज हैं, जिसमें लगभग 16 मामलों का ही निष्पादन हुआ है। बाकी मामलों में पुलिस के हाथ खाली हैं। बता दें कि साइबर कंपनियों द्वारा इस साल अब तक 1.75 करोड़ रुपये की कमाई की जा चुकी है। साइबर ठगों के बहुमत पर अधिकांश बुजुर्ग, अल्पसंख्यक और शिक्षित वर्ग हैं। पुलिस का कहना है कि जागरुकता के बाद भी लोग अपने बैंक की गोपनीय जानकारी साइबर अपराधियों को साझा कर देते हैं। इस साल साइबर स्टोर में ऐसे 39 रिकॉर्ड दर्ज हुए हैं जिनमें 2 लाख रुपए से ज्यादा की हिस्सेदारी हुई है।

इस साल पॉलिटेक्निक रोड के अंतिम छोर पर पहले मैट्रिमोनियल साइट से शादी का आकर्षण देखकर विश्वास जीता और फिर धीरे-धीरे खाते से 95 लाख रुपये तक की कमाई की। टुंडी के रहने वाले दो प्लाट से मोबाइल टावर लगाने के नाम पर 22 लाख रुपये ठगे। वैज्ञानिक जांच साइबर पुलिस कर रही है। यूट्यूब पर जॉब का पूरा करने का टास्क पूरा करने पर एक अन्य छात्र और एक अन्य स्टूडेंट को साइबर चैलेंजर्स ने 1 से 5 लाख तो दूसरे को 88 हजार रुपये ठगे। वहीं स्ट्रैटेजी कैंसिल का स्टोइक डेक एक व्यक्ति से 4.12 लाख रुपये की हिस्सेदारी कर ली गई। इस मामले की भी साइबर पुलिस जांच कर रही है। ऐसे 29 मामले जांच में पुलिस जब्त हैं।

29 केस का नहीं हुआ निष्पादन
साइबर थाने में भी लाइसेंस नहीं रहने का रोना रोया जा रहा है। साइबरस्पेस के अभिलेखों का कहना है कि 45 में 16 केस का निष्पादन हुआ है। बाकी 29 केस पेंडिंग हैं. कहा कि साइबर स्टेशन में बैठने की व्यवस्था नहीं है. किसी भी उत्पाद के लिए गाड़ी की सुविधा भी नहीं है। फोर्स की कमी का कारण भी काफी केस पेंडिंग है।

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।

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