वायुसेना विद्यालय का 41 वां वार्षिकोत्सव आयोजित- राष्ट्र विकास के लिए विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण
जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राष्ट्र विकास के लिए छात्रों के चरित्र निर्माण और शिक्षा के लिए सभी विभागों पर काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान में सांस्कृतिक प्रभाव बने रहें मानव छात्रों और छात्रों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर यहां शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने देश में स्थापित मठों की स्थापना के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि इन भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों से जुड़ी शिक्षा को अधिकाधिक बढ़ावा दिया जाए।
मिश्र शुक्रवार को झालाना स्थित राजस्थान इंट्रेस्ट नेशनल सेंटर में वायु सेना विद्यालय के 41वें वार्षिकोत्सव में जश्न मना रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस देश पर भी शत्रु सेना ने आक्रमण किया था, उस देश का नाम रोशन कर दिया था। उन्होंने एयरफोर्स स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को गौरवमयी परंपरा की संस्कृति से जुड़ने और जीवन में निरंतर आगे बढ़ाने वाले ज्ञान की भारतीय परंपरा से प्रेरणा लेने का अभ्यास किया।
उन्होंने कहा कि यह स्कूल तब शुरू हुआ जब इसे एयर फ़ोर्स सेंट्रल स्कूल के नाम से जाना जाता है। इन प्रोटोटाइप की स्थापना के पीछे उद्देश्य यह था कि भारतीय वायु सेना में कार्य करने वाले स्टाफ़ के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके। यह सुखद है कि सेना के साथ इन आम नागरिकों के लिए भी शिक्षण की व्यवस्था है।
श्री मिश्र ने संविधान की भारतीय संस्कृति के बारे में विद्यार्थियों को भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक अधिकार के साथ हमें कर्तव्यपालन के लिए भी सदैव सतर्कता बरतनी चाहिए।
राज्यपाल ने निर्देश दिया, अच्छी प्रशासन व्यवस्था, समय की मांग के शिक्षण के विस्तार के लिए जयपुर स्थित वायु सेना स्कूल के निदेशक के अनुसार भी। इससे पहले उन्होंने छात्रों को संविधान की उपदेशिका का वचन दिया, मूल कर्तव्य चौधरी सुनाए। उन्होंने प्रतिभावान छात्रों को इस अवसर पर सम्मानित किया। विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ग्रुप कैप्टन विनय भारद्वाज, विद्यालय विद्यालय कार्यशाला श्रीमती सीमा भारती ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। विद्यालय के विद्यार्थियों ने इस महल में राजस्थान के गौरव से जुड़ी गाथाओं पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।