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सप्ताह में दो दिन उद्योगों में बिजली कटौती से 40 फीसदी उत्पादन घटा, फैक्ट्रियों में चल रहे जनरेटर

Shantanu Roy
5 Sep 2023 11:43 AM GMT
सप्ताह में दो दिन उद्योगों में बिजली कटौती से 40 फीसदी उत्पादन घटा, फैक्ट्रियों में चल रहे जनरेटर
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बाड़मेर। प्रदेश में खपत के मुताबिक आधी बिजली उत्पादन होने पर बिजली कटौती की मार आम आदमी के साथ इंडस्ट्रीज को झेलनी पड़ रही है। वर्तमान में प्रदेश में 13000 मेगावाट बिजली की प्रतिदिन खपत है, जबकि उत्पादन 7650 मेगावाट है। ऐसे में जिला मुख्यालय पर सप्ताह के प्रत्येक सोमवार व गुरुवार को औद्योगिक क्षेत्र में शाम 7 से सुबह 5 बजे तक बिजली कटौती की जा रही है। बिजली बाधित रहने से फैक्ट्रियों में कामकाज ठप्प रहने से प्रोडक्शन पर प्रभाव पड़ने के साथ श्रमिकों का रोजगार भी मारा जा रहा है। जिन फैक्ट्रियों में डीजी (जनरेटर) से कामकाज चलाया जा रहा है, उस पर एक दिन का 15 से 20 हजार रुपए अतिरिक्त खर्च होने पर उद्यमियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पहले सप्ताह में एक दिन बिजली कटौती थी, लेकिन मार्च के बाद से बिजली की खपत अधिक बढ़ने पर सरकार ने यह निर्णय लिया है। इससे बालोतरा, बिठूजा व जसोल औद्योगिक क्षेत्र में संचालित करीब 1 हजार फैक्ट्रियों पर असर पड़ रहा है। सोमवार रात काे पूरी इंडस्ट्रीज में बिजली कटौती रहने से उद्यमियों को व्यवस्थाएं बनाए रखने में परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके चलते कई उद्यमियों ने कामकाज बंद रखा। इंडस्ट्रीयल एरिया में बिजली कटौती के चलते 40 फीसदी से अधिक प्रोडक्शन कम हो रहा है। उद्यमियों ने बताया कि बड़ी फैक्ट्री को जनरेटर पर चलाने के लिए प्रति रात 60 से 70 रुपए का डीजल खर्च होता है। वहीं छोटी इकाई में 10 से 15 हजार रुपए के डीजल की खपत होती है। गत तीन सप्ताह से लगातार दो दिन हो रही कटौती पर उद्यमियों का जीना दुश्वार हो गया है।
हर दिन कामकाज बंद रखने व श्रमिकों को अवकाश पर रखने से व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही है। पोपलीन कपड़े लिए विख्यात बालोतरा इंडस्ट्रीज में त्योहारी सीजन पर आम दिनों की बजाय अधिक प्रोडक्शन होता है। इससे गत महीनों की मंदी की मार झेल रहे उद्यमियों व श्रमिकों को कुछ राहत मिलती है। इस बार बिजली कटौती ने उद्यमियों की दीपावली सीजन को पहले से ही फीका कर दिया है। देश के कोने-कोने में बाहरी मंडियों में सीजन से पहले तैयार माल भेजने के लिए उद्यमी तीन-चार महीने पहले ही भाव तय कर डिलेवरी बुक कर देते हैं। ऐसे में महीने में आठ दिन काम बंद रहने या अतिरिक्त खर्च कर प्रोडक्शन पूरा करने पर व्यापारियों को लागत ही नहीं मिलने से टेंशन बनी हुई है। महीने में आठ दिन बिजली कटौती रहने से इंडस्ट्रीज को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। हर तीन दिन में एक बार इंडस्ट्रीज बंद रखने से श्रमिकों के बेरोजगार होने पर वे भी कामकाज छोड़ देते हैं या फिर बैठे हुए को हाजरी देनी पड़ती है। सरकार इंडस्ट्रीयल हित को ध्यान में रखते हुए कटौती की समस्या का समाधान करें। सप्ताह में दो दिन काम बंद रखने से प्रोडक्शन प्रभावित हो रहा है, साथ ही उद्यमियों व श्रमिक वर्ग दोनाें को नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस तरह इंडस्ट्रीज को बंद रखा गया तो काफी नुकसान होगा। प्रदेश सरकार कटौती की समयावधि को कम कर राहत प्रदान करें। - सुरेश बिंदल, उद्यमी प्रदेश में खपत के मुताबिक उत्पादन कम होने से पीछे से बिजली कटौती की जा रही है। खासकर इस बार गर्मी के दिनों में बिजली की खपत अधिक होने पर इंडस्ट्रीज को सप्ताह में दो दिन रात के समय बिजली कटौती करने का निर्देश मिला है। - सोनाराम चौधरी, एसई, डिस्कॉम, बालोतरा।
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