आंध्र प्रदेश। नेल्लोर जिले के रहने वाले एक मंत्री और एक पूर्व मंत्री को शुक्रवार को ऋण वसूली एजेंसी से कई कॉल आई, जिसमें मांग की गई थी कि वे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा लिए गए पैसे चुका दें. मंत्री की शिकायत के आधार पर, नेल्लोर पुलिस ने 4 लोगों को ब्लैकमेल करने और उन्हें परेशान करने के आरोप में गिरफ्तार किया. इस घटना से जुड़ी एक ऑडियो क्लिप ने वाट्सएप पर वायरल हो रही है, जिसमें कॉल करने वाली एक खुद को प्राइवेट बैंक कर्मचारी बता रही है, वह कह रही है कि नेल्लोर शहर से विधायक और पूर्व मंत्री पी अनिल कुमार को अशोक कुमार से लिए गए 8 लाख रुपये वापस करने हैं. कॉल करने वाली महिला ने कहा, "क्या आप पी अनिल कुमार हैं? अशोक कुमार ने यह कहते हुए आपका नंबर दिया कि आप उनके रिश्तेदार हैं. उनका बैंक का 8 लाख रुपये बकाया है. इसलिए आपको हमें तुरंत पैसे चुका दें."
जगन मोहन रेड्डी कैबिनेट में अप्रैल तक जल संसधान मंत्री रहे अनिल कुमार ने यह समझाने की कोशिश की कि उनका कोई साला नहीं था, लेकिन कॉल करने वाली महिला ने जोर देकर कहा कि उनका नाम दिया गया है. अनिल कुमार ने उस महिला को कई मिनटों तक उसे समझाने की कोशिश की कि वह किसी भी तरह से ऋण से जुड़ा नहीं है और यह भी कहा कि वह एक विधायक हैं. अनिल कुमार के साथ कृषि मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी को भी इसी तरह के फोन आए.
कृषि मंत्री ने बताया, "मैं एक आधिकारिक कार्यक्रम में था. इसलिए मेरे निजी सहायक ने कॉल का जवाब दिया. उसे ऋण के बारे में बताया गया था, लेकिन मेरे पीए ने फोन करने वाले से कहा कि वह उस व्यक्ति को कभी नहीं जानता जिसने ऋण लिया था. फिर भी वह व्यक्ति अलग-अलग नंबरों का उपयोग करके कॉल करता रहा." कुल मिलाकर मंत्री को तथाकथित ऋण वसूली एजेंटों से शुक्रवार को 79 कॉल मिले.
दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में कर्ज लेने वाले का नाम भी अशोक कुमार बताया जा रहा है. तंग आकर उन्होंने इस मामले की शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक से की. एसपी सी विजया राव ने इसको लेकर जांच शुरू की और चेन्नई में एक एजेंसी के बारे में पता चला. एसपी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि चेन्नई से कोलमैन नाम की लोन वसूली एजेंसी से फोन आए थे.
एसपी ने बताया, "हमने तुरंत एक टीम भेजी और एजेंसी से चार लोगों को गिरफ्तार किया. वे अलग-अलग सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे थे और बार-बार प्रमुख व्यक्तियों को फोन कर रहे थे. शायद कर्ज वसूलने के लिए ब्लैकमेल रणनीति के रूप में." उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच की जा रही है जबकि आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है."