लाइव क्रिकेट पर सट्टा मामले में 4 गिरफ्तार, विदेशी करेंसी बरामद
यूपी। नोएडा पुलिस ने ऑनलाइन लाइव क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाने वाले एक गैंग का पर्दाफाश करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके कनेक्शन दुबई से मिले हैं। शातिर नोएडा के पॉश इलाके में एक कोठी के अंदर रहकर धंधा कर रहे थे। इनसे 3.79 लाख रुपए भारतीय करेंसी और करीब 4 लाख रुपए के डॉलर, दिरहम के साथ मलेशिया, ओमान, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर और थाईलैंड की करेंसी मिली है।
इनके करीब 11 बैंक अकाउंट्स मिले हैं, जिसमें 11 लाख रुपए हैं। इनको फ्रीज किया जा रहा है। इस गिरोह का दुबई कनेक्शन मिला है। जिसकी जांच की जा रही है। डीसीपी हरीश चंदर ने बताया, आरोपी नोएडा के सेक्टर-100 में लोट्स बुलवर्ड सोसाइटी में किराए के मकान से ऑनलाइन बेटिंग और सट्टा खिलवा रहे थे। इन्होंने 50 हजार रुपए मासिक किराए पर फ्लैट लिया था। इनकी पहचान गौरव गुप्ता (दिल्ली), नितिन (गाजियाबाद), अजीत सिंह और दिनेश गर्ग के रूप में हुई है।
इनके कब्जे से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, परिचय पत्र, आधार-पेन कार्ड, चेक बुक, पासपोर्ट, सिम, पासबुक, असेंबल लाइन बुकी और दो कार मिले हैं। शातिर लैपटॉप पर "सुप्रीम टीवी ऐप, बुलेट 24 टीवी और क्रिक लाइन ऐप" से सट्टा लगाते थे।
ऐप खोलते ही मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रीन पर मैच का भाव दिखाई देता था, जो घटता-बढ़ता रहता था। उसे देखकर कॉम्पैक्ट ब्रीफकेस के जरिए भाव तय किए जाते थे। जूम मीटिंग से ग्राहक जुड़ते थे, जिससे हार-जीत का सारा लेन-देन होता था। मैच खत्म होने के बाद हार-जीत का हिसाब जेएमडी नामक लैपटॉप अकाउंट में फीड होता था।
उन्होंने बताया कि ये लोग पिछले चार सालों से दिल्ली-एनसीआर में सट्टे का काला कारोबार चला रहे थे। डीसीपी ने बताया कि गौरव गुप्ता सट्टा गैंग का संचालक है। जिसे टेस्ला-20 के नाम से जाना जाता है। दिनेश गर्ग लैपटॉप पर ग्राहकों की बेट चढ़ाना और ग्राहकों का हिसाब बताने का कार्य करता था। अजीत सोहेल ग्राहकों को भाव देने, उनकी बेट लिखने और माइक पर जूम मीटिंग में ग्राहकों से संपर्क करने का कार्य करता था। नितिन गुप्ता पूरे सट्टा कारोबार में सामान उपलब्ध कराता था। ग्राहकों से रुपये लेने का काम करता था।
डीसीपी ने बताया, गौरव गुप्ता, दिनेश गर्ग और अजीत सोहेल अप्रैल-मई में आईपीएल क्रिकेट के दौरान दुबई गए थे। इन्होंने दुबई के पास भेड़ा नामक जगह पर किराए का कमरा लेकर आईपीएल के दौरान लगभग 45 दिन सट्टे का काम किया। जिसमें इनको मोटा मुनाफा हुआ था। दुबई जाने का कारण यह था कि इस काम को वहां आसानी से अंजाम दिया जाता है। इनसे फर्जी आधार और चार पासपोर्ट मिले हैं। इन्हीं आधार कार्ड से सिम खरीदते थे, ताकि पकड़े न जाए।