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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
यह अपने महंगे शौक और गर्लफ्रेंड पर खर्च करने के लिए बाइक चोरी की वारदात को अंजाम दिया करते थे.
नई दिल्ली: शौक बड़ी चीज होती है. किसी ने सही कहा है. यही वजह है कि शौक-शौक में शुरू हुआ बाइक चुराने का चस्का कुछ छात्रों को ऐसा लगा कि वह बाइक चोरी की वारदात को अंजाम देने लगे. महंगे शौक़ पूरे करने के लिए इन आरोपियों ने बाकायदा एक बाइक चोरी का गैंग तैयार कर लिया था, जिनमें चार आरोपी शामिल थे.
गाजियाबाद की बापूधाम पुलिस ने ऐसे ही 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 3 छात्र हैं जो लगातार शहर में बाइक चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे थे. बाइक चोरी करने के बाद यह नंबर प्लेट बदलकर कुछ समय तक गाड़ी को अपने पास रखते थे. उसके बाद 10 से 15 हजार रुपये में बेच दिया करते थे.
हैरानी की बात यह है कि आरोपियों ने 2 महीने में 20 से ज्यादा बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है. पुलिस ने इनके पास से चोरी की बाइक नंबर प्लेट के साथ चोरी करने के औजार बरामद किए हैं. पुलिस अफ़सरों ने बताया कि इन आरोपियों की पहचान निखिल कुमार, अमन, अर्जुन और दीपक यादव के तौर पर हुई है. इस गैंग का सरगना निखिल है.
यह अपने महंगे शौक और गर्लफ्रेंड पर खर्च करने के लिए बाइक चोरी की वारदात को अंजाम दिया करते थे. निखिल, अर्जुन और दीपक 12वीं पास है. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह सुनसान जगहों पर कुछ दिया करते थे और जब मौका मिलता था, तब बाईक को चोरी कर लेते थे, फिर दूरदराज के गांवों में बाइक भेज दिया करते थे.
दरअसल निखिल ने प्रधानाचार्य से छुट्टी मांगी थी और प्रधानाचार्य ने बच्चों की पिटाई कर दी थी जिसके बाद प्रिन्सिपल को सबक सिखाने के लिए छात्रों ने प्रिंसिपल की बाइक चुरा ली. इसके बाद इन छात्रों को बाइक चुराने का चस्का लगा और एक के बाद एक बाईक चोरी करने लगे. पुलिस ने ये बाइक भी बरामद कर ली है.
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