उच्च शिक्षा में 4.32 करोड़ छात्र, पहले के मुकाबले 90 लाख ज्यादा दाखिले
दिल्ली। उच्च शिक्षा हासिल कर रहे भारतीय छात्रों की संख्या में लगभग 90 लाख छात्रों का इजाफा हुआ है। पहले जहां उच्च शिक्षा के लिए नामांकन कराने वाले छात्रों की संख्या करीब 3.42 करोड़ थी, वहीं अब हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस में छात्रों का कुल दाखिला बढ़ कर 4.32 करोड़ हो गया है। शिक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने वाले इन कुल छात्रों में करीब दो करोड़ छात्राएं शामिल हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक 2014 में उच्च शिक्षा में छात्रों का कुल नामांकन 3.42 करोड़ यानी 23 प्रतिशत था। 2021-22 के सर्वे के हिसाब से उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों का कुल नामांकन या दाखिला बढ़ कर 4.32 करोड़ यानी 28 प्रतिशत हो गया है।
शिक्षा मंत्री के मुताबिक मौजूदा वर्ष के लिए यह संख्या और भी अधिक हो सकती है। जहां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ी है, वहीं शिक्षा ग्रहण करने के क्षेत्र में लड़कियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 की अपेक्षा आज 31.6 प्रतिशत ज़्यादा छात्राएं पढ़ रही हैं। यह रिपोर्ट उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पहले के मुकाबले एक निर्णायक वृद्धि तो दिखती है, लेकिन अभी इसे नामांकन के अपने लक्ष्य तक पहुंचना बाकी है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में 2035 तक उच्च शिक्षा में छात्रों का कुल नामांकन (जीईआर) 50 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च शिक्षा में सबसे अधिक नामांकन उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में हुआ है। अपने बेहतर प्रदर्शन के कारण ये राज्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में टॉप सिक्स में शामिल हो गए हैं। कॉलेज, टेक्निकल कॉलेज, बीटेक, एमबीबीएस समेत अन्य प्रकार की उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों में 79 प्रतिशत छात्र अंडर ग्रेजुएट स्तर के हैं। वहीं करीब 12 प्रतिशत पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के हैं।
ग्रेजुएट स्तर पर नामांकन कराने वाले छात्रों में सबसे अधिक कला संकाय के हैं। विज्ञान पढ़ने वाले छात्र 15.5 प्रतिशत, कामर्स पढ़ने वाले 13.9 प्रतिशत और इंजीनियरिंग व तकनीक की पढ़ाई करने वाले 11.9 प्रतिशत हैं।
रिपोर्ट बताती है कि देश में देश में फिलहाल 1,113 विश्वविद्यालय और 43,796 कालेज हैं। मंत्रालय के मुताबिक कॉलेजों और विश्वविद्यालयो की संख्या में लगातार वृद्धि भी हो रही है। रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2019-20 की तुलना में उच्च शिक्षण संस्थानों के संसाधनों में वृद्धि देखने को मिली है। 2019-20 में जहां 86 प्रतिशत उच्च शिक्षण संस्थानों के पास ही कंप्यूटर सेंटर थे, वहीं 2020-21 में 91 प्रतिशत संस्थानों के पास कंप्यूटर सेंटर थे। 2019-20 में सिर्फ 58 प्रतिशत उच्च शिक्षण संस्थानों के पास स्किल सेंटर थे। 2020-21 में 61 प्रतिशत संस्थानों के पास स्किल सेंटर हो गए।
उच्च शिक्षा में भारतीय छात्रों के बढ़ते रुझान का पता इससे भी लगता है कि इस बार ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) के लिए 12.3 लाख उम्मीदवारों ने अप्लाई किया है। यह एक रिकॉर्ड तोड़ संख्या है। पिछली बार की तुलना में इस बार 3.7 लाख ज्यादा छात्रों ने जेईई मेंस के लिए आवेदन किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, आवेदनकर्ताओं में लड़कियों की संख्या भी काफी बढ़ी है। आईआईटी, एनआईटी, एआईसीटीई के इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए जेईई परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। यह परीक्षाएं भारत के अलावा दोहा, दुबई, काठमांडू, मस्कट, रियाद, शारजाह, सिंगापुर, कुवैत, लागोस, कोलंबो, जकार्ता, वियना, मॉस्को, व बैंकॉक जैसे विदेशी शहरों में आयोजित की जाती हैं। वहीं इंग्लैंड, मिस्र, सऊदी अरब, यूएई, कतर, मलेशिया और थाइलैंड सरीखे 7 देशों में आईआईटी के ग्लोबल कैंपस खोले जा सकते हैं। आईआईटी दिल्ली ने तो अपने अबू धाबी परिसर की पूरी तैयारी भी कर ली है। यह परिसर 2024 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। यहा ऊर्जा संक्रमण और स्थिरता में एम.टेक जैसे पाठ्यक्रमों की घोषणा की गई है।