नई दिल्ली। गुजरात के ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल और वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति की तीसरी बैठक में भाग लिया। उन्होंने सागरमाला कार्यक्रम के पहलुओं की समीक्षा करने, विशेष रूप से तटीय समुदायों के समग्र विकास के लिए केंद्रित नए दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने फोरम को सूचित किया कि गुजरात मत्स्य पालन और संबंधित गतिविधियों में संपन्न हो रहा है। गुजरात ने समुद्र तट के पार, प्रमुख मछली प्रसंस्करण केंद्रों और मछली लैंडिंग केंद्रों को लागू करने की पहल भी की है। गुजरात के गैर-प्रमुख बंदरगाह, देश भर के बंदरगाहों में सबसे अधिक कार्गो को संभाल रहे हैं; सागरमाला से अनुरोध है कि वे राज्य के गैर-प्रमुख बंदरगाहों तक पहुंचने वाली पोर्ट कनेक्टिविटी परियोजनाओं को और विकसित करने में सहायता करे।
परियोजनाओं की जानकारी प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात राज्य में सागरमाला कार्यक्रम के तहत 57,000 करोड़ रुपये की 75 परियोजनाएं हैं जिसमें से 8,900 करोड़ रुपये की 13 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की 32 परियोजनाएं कार्यान्वयन के अधीन हैं और 23,000 करोड़ रुपये की 30 परियोजनाएं विकासाधीन हैं। इन परियोजनाओं को केंद्रीय मंत्रालयों, प्रमुख बंदरगाहों, राज्य समुद्री बोर्ड और अन्य राज्य एजेंसियों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि सागरमाला कार्यक्रम ने गुजरात में समुद्री क्षेत्र को नई दिशा और गति दी है। राज्य सरकार ने सागरमाला कार्यक्रम के तहत राज्य के तट रेखा पर 3,200 करोड़ की 47 नई परियोजनाओं को प्रस्तावित किया है जिसमें रेल-सड़क संपर्क, मछली प्रसंस्करण केंद्र, मछली लैंडिंग केंद्र, पर्यटन और समुद्री विमान परियोजनाएं शामिल हैं।
सागरमाला परियोजना के तहत लक्ष्यों को प्राप्त करने की राज्य की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, गुजरात मध्य पूर्व, अफ्रीका और यूरोप के लिए निकटतम समुद्री गंतव्य है और यहां ऑपरेशनल कर्मशियल बंदरगाहों की संख्या सबसे अधिक है। गुजरात भारत के लगभग 40% कार्गो को संभालता है और इसके अलावा कोस्टल शिपिंग के ज़रिए ट्रांसपोर्ट किए गए कुल कार्गो का लगभग 18% योगदान भी शामिल है।
बंदरगाह आधारित विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर), विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) और प्रमुख औद्योगिक बुनियादी ढांचे की मौजूदगी ने गुजरात में समुद्र के द्वारा माल की आवाजाही को बढ़ावा दिया है। पूरे देश में क्रूड, पीओएल, एलपीजी और एलएनजी को संभालने का सबसे व्यापाक बुनियादी ढांचा गुजरात के पास है। गुजरात मैरीटाइम बोर्ड ने एक कौशल विकास कार्यक्रम के तहत 39857 श्रमिकों को प्रशिक्षित किया है जो अलंग में जहाज रीसाइक्लिंग गतिविधियों में शामिल हैं। 3,150 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के साथ लोथल में देश का पहला समुद्री संग्रहालय भी विकसित किया जा रहा है।
सागरमाला कार्यक्रम भारत के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने में एक बड़ा योगदानकर्ता है। सागरमाला के तहत, मंत्रालय तटीय बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय औद्योगिक विकास, तटीय पर्यटन विकास और तटीय सामुदायिक विकास के क्षेत्र में तटीय जिलों के समग्र विकास के लिए परियोजनाओं को शामिल करने का प्रस्ताव कर रहा है।
इस आयोजन में केंद्रीय पत्तन, पोत और जलमार्ग मंत्री, श्री सर्बानंद सोनोवाल ने सागरमाला कार्यक्रम के 7 सफल वर्षों पर एक ई-बुक लॉन्च की। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, श्री पीयूष गोयल, केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय रेल मंत्री, श्री अश्विनी वैष्णव के साथ राज्यों के मंत्रियों और अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने बैठक में भाग लिया।