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सरकार ने 340 अफसरों को किया जबरन रिटायर...अच्छा काम नहीं करने पर गिरी गाज

Admin2
11 Feb 2021 12:05 PM GMT
सरकार ने 340 अफसरों को किया जबरन रिटायर...अच्छा काम नहीं करने पर गिरी गाज
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केंद्र सरकार ने ऐसे कुल 340 अधिकारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त कर दिया है, जिनका पिछले छह साल का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं था. कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने सदन को बताया कि विभिन्न मंत्रालयों, विभागों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एफआर 56 (जे) और इसी तरह के अन्य नियमों के प्रावधानों के तहत जुलाई 2014 से दिसंबर 2020 के दौरान ग्रुप ए के 171 अधिकारियों और ग्रुप बी के 169 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इन नियमों में ऐसे प्रावधान हैं जिसके तहत सार्वजनिक हित में किसी सरकारी कर्मचारी को कथित रूप से भ्रष्ट होने या अपेक्षित प्रदर्शन नहीं करने आदि को लेकर समय से पहले नौकरी से रिटायर किया जा सकता है. इसके साथ ही सिंह ने कहा कि एक मार्च 2018 की स्थिति के अनुसार सरकार के अधीन नियमित सिविल कर्मचारियों की स्वीकृत संख्या 38,02,779 और पदस्थ कर्मचारियों की संख्या 31,18,956 है.

वहीं जितेंद्र सिंह ने सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों की घोषणा किए जाने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा जारी की जाने वाली आरक्षित सूची पर उठ रहे सवालों पर जवाब देते हुए इसे एक नियमित प्रक्रिया बताया और कहा कि यह प्रतीक्षा सूची नहीं है. उन्होंने कहा कि आरक्षित (रिजर्व) सूची जारी करने की व्यवस्था 2003 में शुरू की गई थी.

सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'आरक्षित सूची, प्रतीक्षा सूची नहीं है. यह एक नियमित प्रक्रिया है.' मंत्री ने कहा, 'इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए पूर्व में उच्चतम न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई थी. शीर्ष न्यायालय ने 2010 के अपने एक फैसले में इसे बरकरार रखा था.' उन्होंने बृहस्पतिवार को राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि परीक्षा प्रक्रिया संपन्न होने के बाद सिविल सेवा परीक्षा (सीसीई) के परिणाम की घोषणा करने और विभिन्न सेवाओं के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करने के दौरान आयोग सभी श्रेणियों में कुल रिक्तियों पर गौर करता है. उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा 2019 के मामले में भी इसका पालन किया गया. इस परीक्षा के परिणाम पिछले साल चार अगस्त को घोषित किए गए थे, जिसमें 829 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया था.

सिंह ने कहा कि इसके बाद कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से और सफल उम्मीदवारों की सूची के लिए अनुरोध प्राप्त होने के बाद इस साल चार जनवरी को यूपीएससी ने सम्मिलित आरक्षित सूची से 89 और उम्मीदवारों की सिफारिश करते हुए एक सूची जारी की. गौरतलब है कि मंत्री से यह सवाल किया गया था कि क्या यह सच है कि सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के परिणाम दो बार जारी किए गए. साथ ही, अन्य सवाल भी किए गए थे. आयोग भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) सहित अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन करने को लेकर हर साल यह परीक्षा आयोजित करता है.

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