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- सड़क हादसों का शिकार...
दिल्ली : सड़क पर सुपरमार्केट में पैदल चलने वाला व्यक्ति सबसे अधिक असुरक्षित होता है। भारत में करीब 32 हजार पैदल यात्री सड़क पर सज गए हैं। यूक्रेन में रिपब्लिकन राकेश सिन्हा ने गुरुवार को यह जानकारी रखी कि सड़क पर चलने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है। समाजवादी डेमोक्रेट ने सदन को बताया कि सड़क पर होने वाले 58 प्रतिशत लोग विकलांग हो रहे हैं। भारत में 2022 में लगभग 32,825 पैदल चलने वाले लोगों का यह किरदार देखा जाए।
राकेश सिन्हा ने कहा कि यह ग्लोबल ट्रेंड है और इस तरह के हादसे पूरी दुनिया में हो रहे हैं। उनका कहना है कि पूरी दुनिया में 1.2 मिलियन मेगाबाइट हैं। सिन्हा ने जो दस्तावेज पेश किए उनमें बताया गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्ष 2022 में 7500 पत्थर बने थे। बड़ी बात यह है कि अमेरिका में ये सड़क दुर्घटना वर्ष 2010 की तुलना में 77 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि भारत में भी इस प्रकार की सड़कों पर लगातार वृद्धि देखी जा रही है। राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में कहा कि पैदल चलने वालों का एक प्राकृतिक और बुनियादी अधिकार होता है। जब राष्ट्रीय राजमार्ग का विपणन हो रहा है तो इन स्थानों पर छोटे-छोटे व्यापारी, फल विक्रेता, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पहले से स्थित होते हैं। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि वास्तविक हकीकत के अनुसार, पैदल चलने वालों में 31 प्रतिशत लोग व्यावसायिक व्यवसाय से पैदल चलते हैं। समाजवादी समाजवादी ने कहा कि इस संदर्भ में मैं सड़क पर चलने वाले पैदल यात्रियों की सुरक्षा की मांग करता हूं।
उन्होंने कहा कि सामान्य संदर्भ में जहां भी सड़क का निर्माण या विस्तार किया जाए, वहां उस स्थान पर स्थानीयता को सुरक्षित रखा जाए। यानी स्थानीय लोग जो पैदल यात्रा करते हैं, पारंपरिक तीर्थयात्रियों से यात्रा करते हैं, बैलगाड़ी से चलते हैं, घोड़ागाड़ी से चलते हैं, टमटम से चलते हैं, उनकी सुरक्षा और अधिकार की रक्षा हमारा कर्तव्य है। राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़े-बड़े शहरों को शामिल किया जाना चाहिए, इसलिए स्थानीय लोगों को असुरक्षित महसूस नहीं किया जाना चाहिए। इसी के साथ ही राकेश सिन्हा ने बिहार के दुकानदारों के लिए सड़क दुर्घटना से बचने के लिए दो मेटलओवर बनाने की मांग की।