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कुदरत का कहर बरपा: 308 जिंदगियां खत्म, सेना को मलबे से 4 लोग जिंदा मिले, चमत्कार हुआ

jantaserishta.com
2 Aug 2024 6:26 AM GMT
कुदरत का कहर बरपा: 308 जिंदगियां खत्म, सेना को मलबे से 4 लोग जिंदा मिले, चमत्कार हुआ
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वायनाड: केरल के वायनाड में 30 जुलाई की सुबह लैंडस्लाइड हुई. हादसे को 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब भी मलबे से लोगों के जिंदा निकलने का क्रम जारी है. वायनाड में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही भारतीय सेना को आज मलबे से 4 लोग जिंदा मिले हैं. इनमें दो महिलाएं और दो पुरुष हैं. लैंडस्लाइड के बाद मलबे में दबे इन लोगों को वायनाड के पदावेट्टी कुन्नू इलाके से बचाया गया है.
चारों को बचाने के लिए बेहद सावधानी के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. इस काम को सटीकता के साथ करने के लिए रेस्क्यू के दौरान एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) को लैंड कराया गया. हालांकि, रेस्क्यू में बचाई गई दो महिलाओं में से एक महिला के पैर में चोट लगी है, जिसके इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
हादसे में अब तक 308 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, रेस्क्यू में जुटे बचावकर्मियों को अब तक 195 शव ही मिले हैं. बाकी, लोगों की मौत की पुष्टि उनके बॉडी पार्ट्स से की गई है. यानी 105 लोगों के शव का कोई ना कोई हिस्सा बरामद हुआ है, जिससे उनकी मौत कंफर्म हुई है.
बता दें कि सेना, नेवी और एयरफोर्स के साथ बचावकर्मियों की 40 टीमें लोगों के रेस्क्यू में जुटे हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन को प्रभावी बनाने के लिए सर्च क्षेत्र को 6 अलग-अलग भागों में बांटने की बात चल रही है. इनमें से पहला क्षेत्र अट्टामाला और आरणमाला से बना है. दूसरा क्षेत्र मुंडकई, तीसरा क्षेत्र पुंजरीमट्टम, चौथा क्षेत्र वेल्लरमाला विलेज रोड, पांचवां क्षेत्र जीवीएचएसएस वेल्लरमाला और छठा इलाका नदी का बहाव क्षेत्र है.
भारतीय वायुसेना हिंडन एयर बेस से वायनाड के लिए जल्द सी-130 विमान उड़ाने जा रही है. यह विशेष ड्रोन सिस्टम के साथ-साथ विशेषज्ञों की टीम को वायनाड ले जाएगा, ताकी मिट्टी के नीचे फंसे लोगों की निगरानी की जा सके. ये ड्रोन सिस्टम मिट्टी के नीचे फंसे लोगों की तलाश करेंगे.
तीनों सेनाओं के अलावा NDRF,DSG और MEG की संयुक्त टीम खोजी अभियान में लगी हुई है. हर टीम के साथ तीन स्थानीय लोग और एक वन विभाग का कर्मचारी भी शामिल किया जाएगा. इसके अलावा चलियार नदी के आसपास के 8 पुलिस स्टेशनों के पुलिसवाले और तैराकी में माहिर लोग भी खोज करने जा रहे हैं. इसके अलावा हेलिकॉप्टर के जरिए भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा जा रहा है. तटरक्षक और नौसेना के साथ वन विभाग के कर्मचारी उन जगहों पर भी खोज करने जा रहे हैं, जहां शवों के बहकर आने की संभावना है.
सेना ने हादसे के बाद जो बेली ब्रिज बनाया है, इससे 25 एंबुलेंस मुंडकई पहुंचाई जाएंगी. मिट्टी में दबे शवों का पता लगाने के लिए दिल्ली से ड्रोन आधारित रडार शनिवार को आने वाला है. तलाशी अभियान में 6 कुत्तों की भी मदद ली जा रही है. आज तमिलनाडु से 4 और कुत्ते लाए जाएंगे.
बता दें कि वायनाड में पहली लैंडस्लाइड 30 जुलाई की सुबह तड़के करीब 2 बजे हुई. इसके बाद सुबह करीब 4.10 बजे फिर एक बार लैंडस्लाइड हुई. इसके साथ ही तीसरी बार फिर लैंडस्लाइड हुई. लैंडस्लाइड में वायनाड के 4 गांव मलबे के ढेर में तब्दील हो गए, जिनमें से लोगों को निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति के साथ मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है.
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