भारत

भरे जाएंगे 300 नए पद, भारत सरकार ने 6 शहरों में NIA कार्यालयों को भी दी मंजूरी

jantaserishta.com
4 Jan 2022 3:43 AM GMT
भरे जाएंगे 300 नए पद, भारत सरकार ने 6 शहरों में NIA कार्यालयों को भी दी मंजूरी
x

नई दिल्‍ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) के हाथ मजबूत करने के लिए केंद्र (central government) ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके चलते राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी को 6 नए शहरों में कार्यालय खोलने का रास्ता साफ हो गया है. न्यूज 18 को मिली जानकारी के अनुसार ये 6 नए कार्यालय अहमदाबाद, बेंगलुरु, पटना, जयपुर, भोपाल और भुवनेश्वर में खोले जाएंगे. साथ ही एजेंसी के लिए 300 नए पदों को भी केंद्र की ओर से मंजूरी मिली है.

बताया गया है कि इन पदों में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल, सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, एडिशनल एसपी, डीएसपी इंस्पेक्टर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और साइबर फॉरेंसिक एग्ज़ेमिनर समेत अन्य पद शामिल हैं. इन 6 नए शहरों में कार्यालय खुलने से जांच एजेंसी NIA को तत्काल कार्रवाई करने में आसानी होगी. गौरतलब है कि अगले 3 सालों के अंदर देश के हर राज्य में राष्ट्रीय जांच एजेंसी का ब्रांच ऑफिस खोला जाएगा. इससे किसी भी राज्य में अगर कोई बड़ी आतंकी वारदात होती है या कोई देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होकर साजिश रचने का प्रयास करता है, तो ऐसे मौके में तुरंत कार्रवाई को अंजाम दिया जा सकेगा.
सूत्रों ने बताया कि इससे देश विरोधी गतिविधियों में शामिल आरोपियों, संदिग्ध लोगों और आतंकी गतिविधियों पर रोकथाम लगाने के लिए जल्‍द एक्‍शन लिया जा सकेगा. जांच एजेंसी द्वारा आतंकियों और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर तत्काल प्रभाव से रोकथाम लगाने और किसी भी आतंकी वारदात के बाद लोकेशन पर कम से कम समय पर पहुंचने के लिए ये योजना बनाई गई है. लिहाजा कुछ समय पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया था कि देश के हर राज्य में एनआईए की एक ब्रांच होना चाहिए.
फिलहाल एनआईए के देशभर में 12 कार्यालय मौजूद हैं, जिसमें हैदराबाद, गुवाहाटी, कोच्चि, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता, रायपुर, जम्मू, चंडीगढ़, रांची, चेन्नई और इंफाल शामिल है. गौरतलब है कि लुधियाना के कोर्ट में 23 दिसंबर को हुए बम धमाके के दिन ही चंडीगढ़ एनआईए कार्यालय से एक टीम तुरंत मौके के लिए रवाना हुई थी, ताकि धमाके में इस्तेमाल हुए विस्फोटक का तुरंत पता लगाया जा सके, जिसे जांच को गति मिलती है.
Next Story