बीते कुछ दिनों से शिमला पुलिस का विवादों संग मजबूत नाता देखने को मिल रहा है. वजह कोई भी क्यों ना हो, शिमला पुलिस लगातार सवालों के घेरे में आ रही है और उन पर गंभीर आरोप भी लग रहे हैं. महिला हेड कॉन्स्टेबल संग छेड़छाड़ वाला मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब मजदूरों को सड़क पर मुर्गा बनाना महंगा पड़ गया है. सोमवार की एक घटना ने फिर शिमला पुलिस को मुश्किल में डाल दिया है. दरअसल शिमला के टिंबर हाउस इलाके से गुजर रहे एक व्यक्ति ने तीन पुलिस वालों को 11 मजदूरों को धमकाते और अमानवीय तरीके से मुर्गा बनाते देखा था. उस व्यक्ति ने पूरी घटना को अपने फोन में कैद किया और फिर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. देखते ही देखते मुर्गा बनाने वाला वीडियो वायरल हुआ और शिमला पुलिस पर कई तरह के सवाल उठने लगे.
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि एक पुलिस वाला मजदूरों को इकट्ठा कर ना केवल उनको मुर्गा बनाए हुए है बल्कि उनको धमका भी रहा है. उन मजदूरों के अलावा उस वीडियो बनाने वाले पर भी पुलिस का गुस्सा फूटा है. पुलिस वाला उसे भी धमकाता हुआ देखा गया है.
क्या है पूरा मामला?
जांच में सामने आया है कि एक व्यक्ति ने छोटा शिमला के पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी. कहा गया था कि उसके बेटे का मोबाइल फोन चोरी हो गया है. उसे अपने ही साथ काम करने वाले मजदूरों पर शक था लेकिन मजदूरों की तलाशी के बाद भी चोरी किया गया मोबाइल फोन बरामद नहीं हुआ. अब जब यह मामला शिमला के पुलिस प्रमुख मोहित चावला के संज्ञान में आया तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया उसके बाद इस घटना की जांच शिमला के डीएसपी को सौंपी दी गई. जानकारी के लिए बता दें कि जिन मजदूरों संग पुलिस ने ये अमानवीय बर्ताव किया है, वो सभी नेपाल मूल के हैं. उनके साथ एक 16 साल का लड़का भी है.
कुछ दिन पहले एक महिला हेड कॉन्स्टेबल ने शारीरिक शोषण के आरोप लगाए थे. एक हफ्ते के भीतर ही शिमला पुलिस को कटघरे में खड़ा करने वाला यह दूसरा मामला है. ऐसे में पुलिस की छवि तो धूमिल हुई ही है, लोगों के मन में भी कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.