भारत
3 पड़ोसी देश के गैर मुस्लिम लोगों को नागरिकता देने का विरोध, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग आदेश के खिलाफ पहुंची सुप्रीम कोर्ट
Deepa Sahu
1 Jun 2021 9:15 AM GMT
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इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती देते हुए.
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने की इजाजत दी गई है.
दरअसल केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते एक अधिसूचना जारी कर अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित भारत के 13 जिलों में रहने वाले व्यक्तियों के लिए भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करना संभव बना दिया है. ये 13 जिले मोरबी, राजकोट, पाटन, वडोडरा (गुजरात), दुर्ग और बलोदाबाजार (छत्तीसगढ़), जालौर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर, सिरोही (राजस्थान), फरीदाबाद (हरियाणा) तथा जालंधर (पंजाब) है. इस अधिसूचना के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के पात्र हैं
केन्द्र सरकार का नोटिफिकेशन आर्टिकल 14,15 और 21 का उल्लंघन है
वहीं IMUL द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि केन्द्र सरकार का नोटिफिकेशन आर्टिकल 14,15 और 21 का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया है कि जब CAA के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है तो सरकार की ये अधिसूचना कैसे आ गई. केन्द्र सरकार की 28 मई 2021 की अधिसूचना पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने रोक लगाने की मांग की है साथ ही न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट से उचित आदेश जारी करने की मांग की गई है.
गैर-मुसलमानों से मिल सकती है भारतीय नागरिकता
मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता अधिनियम, 1955 के 2009 के नियमों के तहत एक अधिसूचना जारी करके अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के उन गैर-मुसलमानों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए कहा है.
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