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महंत नरेंद्र गिरी के सील हुए कमरे में मिला 3 करोड़ कैश, जांच कर रही सीबीआई की टीम

Nilmani Pal
16 Sep 2022 12:58 AM GMT
महंत नरेंद्र गिरी के सील हुए कमरे में मिला 3 करोड़ कैश, जांच कर रही सीबीआई की टीम
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सोर्स न्यूज़  - आज तक  

यूपी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत की जांच कर रही सीबीआई की टीम गुरुवार को प्रयागराज के बाघम्बरी मठ पहुंची. सीबीआई की टीम, पुलिस और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में महंत नरेंद्र गिरी के सील किए हुए कमरे को खोला गया. सूत्रों के मुताबिक, महंत के कमरे से 3 करोड़ रुपये कैश और कुछ जमीनों के कागजात बरामद हुए हैं.

महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत की जांच कर रही सीबीआई की टीम गुरुवार को प्रयागराज पहुंची थी. सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान पुलिस और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में महंत के शयन कक्ष को खोला गया, जिसमें तीन करोड़ रुपये कैश, करोड़ों के जेवरात, कुछ जमीनों के कागजात, 13 कारतूस और करीब 9 कुंतल देशी घी मिला है, जिसे महंत बलवीर गिरी को सौंप दिया गया है. हालांकि इस मामले में कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. महंत नरेंद्र गिरी का कमरा मठ के मेन गेट के पास स्थित बिल्डिंग की पहली मंजिर पर स्थित है. महंत की संदिग्ध मौत के बाद प्रयागराज पुलिस ने मठ के दो कमरों को सील किया था. एक वो कमरा, जिसमें महंत नरेंद्र गिरी का शव फंदे से लटकता हुआ पाया गया था और दूसरा कमरा, जिसमें महंत नरेंद्र गिरी रहते थे. उसे गुरुवार को खोलने की कार्रवाई की गई.

बाघम्बरी मठ के मौजूदा महंत बलवीर गिरी ने कमरा खोले जाने को लेकर कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. अदालत के आदेश पर सीबीआई की टीम गुरुवार को पुलिस व मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कमरे को खोला गया. कमरे से मिलने वाले एक-एक सामान का रिकॉर्ड तैयार किया गया. इसके साथ ही वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की गई. मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ही यह कमरा अब मठ के मौजूदा महंत बलवीर गिरी को सौंप दिया गया. हालांकि जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरी का शव फंदे से लटका पाया गया था, वह कमरा अभी नहीं खुलेगा.

मठ में महंत नरेंद्र गिरी का कमरा खोले जाने के लिए सीबीआई और पुलिस प्रशासन की टीम दोपहर करीब दो बजे पहुंची थी. इस दौरान मठ के सभी दरवाजों को अंदर से बंद कर लिया गया था. इस दौरान किसी को भी अंदर आने की इजाजत नहीं दी जा रही थी. मीडिया के लोगों को भी सिर्फ एक हिस्से तक सीमित रखा गया था और ऊपर की मंजिल पर उस जगह नहीं जाने दिया गया, जहां पर कमरा खोले जाने की कार्रवाई की गई.


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