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पीएम इंटर्नशिप स्कीम के तहत 280 कंपनियों ने दिए 1.27 लाख इंटर्नशिप के ऑफर

jantaserishta.com
23 Oct 2024 7:20 AM GMT
पीएम इंटर्नशिप स्कीम के तहत 280 कंपनियों ने दिए 1.27 लाख इंटर्नशिप के ऑफर
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सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: पीएम इंटर्नशिप स्कीम के तहत करीब 280 कंपनियों ने हिस्सा लिया। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, स्कीम के तहत कंपनियों ने 1.27 लाख इंटर्नशिप के ऑफर पेश किए हैं। केंद्र ने अब इस स्कीम में कॉरपोरेट्स की भागीदारी के लिए ऑनबोर्डिंग विंडो बंद कर दी है। स्कीम के तहत इंटर्नशिप ऑफर रजिस्टर्ड करने के लिए ऑनबोर्डिंग विंडो को कॉरपोरेट्स के लिए 3 अक्टूबर को खोला गया था।
युवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो 12 अक्टूबर को ओपन हुई थी। स्कीम के तहत युवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो नवंबर के शुरुआती दिनों तक ओपन रहने की उम्मीद है। इस स्कीम की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में की थी, जिसमें पायलट पहल के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
स्कीम अगले पांच वर्षों में लगभग 1 करोड़ युवाओं को लाभान्वित कर युवा बेरोजगारी को दूर करेगी। स्कीम युवाओं को उन कंपनियों से भी जोड़ेगी जो प्रतिभा की तलाश में हैं। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) द्वारा प्रशासित पीएमआईएस स्कीम पिछले तीन वित्तीय वर्षों में औसत सीएसआर खर्च के आधार पर शीर्ष 500 कॉर्पोरेट्स को भाग लेने की अनुमति देती है, जिससे युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर मिलते हैं।
इस स्कीम में भाग लेने वाली प्रमुख कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एलएंडटी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजुकी, टेक महिंद्रा, ओएनजीसी, बजाज फाइनेंस, आयशर मोटर्स, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, मुथूट फाइनेंस और जुबिलेंट फूडवर्क्स शामिल हैं।
तेल, गैस और ऊर्जा, ऑटोमोटिव, बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, धातु और खनन ऐसे क्षेत्र हैं जहां इंटर्नशिप के सबसे ज़्यादा अवसर हैं। इंटर्नशिप देने वाले अन्य प्रमुख क्षेत्र विनिर्माण, औद्योगिक, बुनियादी ढांचा और निर्माण, आईटी और सॉफ्टवेयर विकास, एफएमसीजी और दूरसंचार हैं। वर्तमान में इंटर्नशिप के अवसर 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 737 जिलों में उपलब्ध हैं।
स्कीम के लिए चुने गए युवाओं को एक वर्ष के लिए भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप करने का अवसर मिलेगा। साथ ही 5,000 रुपये प्रतिमाह भत्ता और 6,000 रुपये एकमुश्त अनुदान भी मिलेगा। 5,000 रुपये में से 500 रुपये कंपनियों द्वारा उनके कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कोष के हिस्से के रूप में दिए जाएंगे तथा शेष 4,500 रुपये सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
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