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OMG! 2.5 करोड़ ठगे, युवाओं को रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया, फिर...
jantaserishta.com
21 Dec 2022 11:25 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक | DEMO PIC
महीने पर गिने ट्रेन के डिब्बे.
नई दिल्ली: नौकरी के नाम पर ठगी के कई मामले आए हैं. मगर, दिल्ली से जो मामला सामने सामने आया है, वह सबसे अलग है. यहां 28 युवाओं को रेलवे विभाग में नौकरी के नाम पर ठगा गया है. सभी ने महीने भर दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नौकरी भी की.
इनको ट्रेनों के डिब्बे गिनने का काम दिया गया था. युवाओं ने शिद्दत के साथ अपना काम किया, लेकिन महीने के आखिर में सैलरी नहीं आने पर इनका माथा ठनका. तहकीकात करने पर युवाओं को उनके साथ ठगी होने की बात पता चली. तब जाकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है. अब पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.
दरअसल, ठगी का शिकार होने वाले सभी 28 लोग तमिलनाडु के रहने वाले हैं. इनके इलाके का रहने वाला 78 साल सुब्बुस्वामी गांव के बेरोजोगारों को नौकरी दिलाने में मदद करता है. सुब्बुस्वामी की पहचान शिवरामन नाम के व्यक्ति से थी. वह खुद को दिल्ली में किसी सांसद का करीबी बताता था.
उसका कहना था कि सांसद जी की कई मंत्रियों से सीधी बातचीत होती है. इस बात पर सुब्बुस्वामी ने शिवरामन से उसके गांव के कुछ युवाओं की नौकरी लगवाने की बात कही.
सुब्बुस्वामी से शिवरामन ने कहा कि वह उसके बताए युवकों की नौकरी रेलवे विभाग में लगवा देगा, लेकिन इसके लिए लाखों की रकम लगेगी. सुब्बुस्वामी भी राजी हो गया और उसके सबसे पहले तीन युवकों की नौकरी लगवाने की बात कही.
शातिर दिमाग शिवरामन ने सुब्बुस्वामी और उन युवकों को अपनी बातों में ऐसा फंसाया कि युवकों की संख्या तीन से 28 हो गई. फिर नौकरी लगवाने के नाम पर युवकों दो लाख से लेकर 24 लाख रुपए तक की रकम ली गई. कुल मिलकार ढाई करोड़ रुपए शिवरामन को युवकों से मिले थे.
किसी को शिवरामन पर शक न हो, इसके लिए उसने बहुत ही प्लानिंग के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया. युवाओं से पैसे लिए फिर सभी का मेडीकल कराया. सभी का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी कराया गया.
बाद में उनको रेलवे का स्टडी मटेरियल दिया गया. फिर कुछ दिनों बाद ट्रेनिंग लेटर उपलब्ध कराया गया. ट्रेनिंग लेटर दिए जाने के कुछ समय बाद सभी 28 युवाओं को टीटीई और क्लर्क के पद वाला नियुक्ति पत्र थमाया गया.
नियुक्ति पत्र दिए जाने के बाद सभी युवाओं को दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की बोगियां गिनने के आदेश जारी किया गया. महीने भर हर रोज 9 घंटे की ड्यूटी पर सभी आते और दिन पर ट्रेनों के डिब्बे गिनते.
ऐसे ही महीना बीत गया. पहली सैलरी का इंतजार करते युवाओं का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था. एक-दूसरे से भी सैलरी के संबंध में पूछा. सभी ने कहा कि उनकी भी सैलरी नहीं आई है.
फिर इन लोगों ने नौकरी दिलवाने अपने गांव के बुजुर्ग सुब्बुस्वामी को इस बात की जानकारी दी. सुब्बुस्वामी ने शिवरामन से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
इसके बाद सुब्बुस्वामी ने ठगी का शिकार हुए सभी युवाओं के साथ जाकर ठग शिवरामन के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज कराया. सुब्बुस्वामी ने पुलिस को बताया कि सरकारी नौकरी मिलने के लालच में कई लोगों ने अपने घरों के जेवर तक गिरवी रख दिए थे. कई लोगों ने आरोपी शिवरामन की मांग पूरी करने के लिए लाखों का उधार भी लिया है. पुलिस ने केस दर्ज करा, मामले में जांच शुरू कर दी है.
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