भारत

24 कोसीय परिक्रमा 8 सितंबर को लोहार्गल धाम से होगी शुरू, उमड़ेंगे श्रदालु

Shantanu Roy
31 Aug 2023 6:09 PM GMT
24 कोसीय परिक्रमा 8 सितंबर को लोहार्गल धाम से होगी शुरू, उमड़ेंगे श्रदालु
x
झुंझुनू। झुंझुनू तीर्थराज लोहार्गल धाम स्थित सूर्य कुण्ड से गोगानवमी के दिन 8 सितंबर को माल व केतु पर्वत की 24 कोसीय परिक्रमा शुरू होगी। भगवान की भक्ति में डूबे श्रद्धालु सूर्य कुण्ड में स्नान करने के बाद परिक्रमा के लिए रवाना होंगे। पौराणिक युग का ब्रह्म सरोवर जो वर्तमान में सूर्य क्षेत्र तीर्थराज लोहार्गल धाम के नाम से प्रसिद्ध है, करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। गोगानवमी को दोपहर बाद सूर्य भगवान के अभिषेक के बाद आरती होगी। इसके बाद सूर्य कुण्ड स्थित गोमुख के पास ठाकुरजी की पालकी की आरती होगी तथा साधु संत पालकी को सूर्य कुण्ड की परिक्रमा करवाएंगे। सूर्य कुण्ड की परिक्रमा होने के बाद पालकी 24 कोसीय परिक्रमा की अगुआई में चलेगी। सूर्यकुंड से रवाना होकर परिक्रमार्थी श्रद्धालु व पालकी इसी दिन रात्रि को किरोड़ी धाम पहुंचेगी जिसका पौराणिक नाम करकोटिका है। अगले दिन सुबह फिर शुरू होकर लगातार चलते माल व केतु पर्वत के चारों तरफ ब्रह्म सरोवर से निकली 7 धाराओं की परिक्रमा करते हुए अमावस्या के दिन 15 सितंबर को सूर्य कुण्ड में स्नान के बाद संपन्न होगी।
लोहार्गल धाम सूर्य मंदिर के पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य ने बताया कि करीब 6 सौ वर्ष पूर्व संस्कृत भाषा में लिखे गए लोहार्गल महात्मय ग्रंथ के अनुसार वर्तमान लोहार्गल धाम सृष्टि निर्माण के समय जिसका नाम ब्रह्म सरोवर था, पृथ्वी का प्रथम तीर्थ स्थल है। इस स्थान पर 24 कोस परिधि जितना बड़ा ब्रह्म सरोवर था। इसी सरोवर में भगवान विष्णु ने सबसे पहला मत्स्य अवतार लिया था। कालांतर में भगवन विष्णु ने ब्रह्म सरोवर को ढकने के लिए सुमेरु पर्वत को आदेश दिया तो सुमेरु पर्वत ने अपने पौत्र माल व नाती केतु को इस कार्य के लिए भेजा। माल व केतु ब्रह्म सरोवर पर आकर विराजमान हुए तो सरोवर से 7 जल धाराएं निकली। जिनको सूर्य क्षेत्र लोहार्गल, किरोड़ी, शाकम्भरी, नागकुण्ड, टपकेश्वर, शौभावती जिसे शौभाग्यवती माता व खोरी कुण्ड के नाम से जाना जाता है। इन्हीं स्थानों से होकर 24 कोसीय परिक्रमा निकलती है।
हर वर्ष सूर्य कुंड लोहार्गल से निकलने वाली 24 कोसीय परिक्रमा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। लेकिन यहां सुविधाओं की भारी कमी महसूस होती है। लोहार्गल धाम सूर्य मंदिर पीठाधीश्वर महंत अवेशाचार्य ने बताया कि देश विदेश के करोड़ों सनातनियों की आस्था के प्रतीक सूर्य क्षेत्र लोहार्गल धाम में मूलभूत सुविधाएं नहीं के बराबर हैं। लोहार्गल क्षेत्र में सफाई, सडक़, बिजली, शौचालय, पेयजल सहित सभी प्रकार की सुविधाओं की कमी के कारण आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ती है। इन परेशानियों के समाधान के लिए पिछले दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मुलाकात की थी। हाल ही 27 अगस्त को लोहार्गल पहुंचे उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को भी समस्याओं से अवगत करवाया गया है। उन्होंने सरकार तक बात पहुंचाकर समाधान के लिए कहा।
Tagsराजस्थान न्यूज हिंदीराजस्थान न्यूजराजस्थान की खबरराजस्थान लेटेस्ट न्यूजराजस्थान क्राइमराजस्थान न्यूज अपडेटराजस्थान हिंदी न्यूज टुडेराजस्थान हिंदीन्यूज हिंदी न्यूज राजस्थानराजस्थान हिंदी खबरराजस्थान समाचार लाइवRajasthan News HindiRajasthan NewsRajasthan Ki KhabarRajasthan Latest NewsRajasthan CrimeRajasthan News UpdateRajasthan Hindi News TodayRajasthan HindiNews Hindi News RajasthanRajasthan Hindi KhabarRajasthan News Liveदिन की बड़ी ख़बरअपराध खबरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBig news of the daycrime newspublic relation newscountrywide big newslatest newstoday's big newstoday's important newsHindi newsrelationship with publicbig newscountry-world newsstate wise newshindi newstoday's newsnew newsdaily newsbreaking news
Shantanu Roy

Shantanu Roy

    Next Story