दिल्ली। जेद्दा से 231 भारतीय नई दिल्ली के लिए रवाना हुए। भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि 27/28 अप्रैल की रात को चलाए गए इस अभियान में वायुसेना के चालक दल ने सी-130जे विमान को खार्तूम से करीब 40 किलोमीटर दूर उत्तर में वाडी सैयदना में सेना के एयरपोर्ट पर उतारा। एयरपोर्ट के रनवे पर न कोई नेविगेशन की सुविधा थी और न ही लैंडिंग के लिए जरूरी लाइट की व्यवस्था। विमान में ईंधन भरने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं था।
बचाव कार्य के दौरान वायुसेना के पायलटों ने नाइट विजन गॉगल्स का इस्तेमाल किया। हवआईपट्टी के निकट आने पर पायलट ने अपने इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रा रेड सेंसर का उपयोग कर यह सुनिश्चित किया कि रनवे पर कोई अवरोध नहीं है और उसके आसपास किसी तरह का खतरा नहीं है।
बयान के मुताबिक इन लोगों के पास सूडान पोर्ट तक पहुंचने का कोई साधन नहीं था, जहां से नौसेना के जहाज से लोगों को सऊदी अरब के जेद्दा पोर्ट लाया जा रहा है। वाडी सैयदना आने वाले काफिले का नेतृत्व भारतीय रक्षा मंत्रालय से संबद्ध अधिकारी (अटैची) कर रहे थे जो हवाईपट्टी पर पहुंचने तक भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में थे। इन लोगों में एक गर्भवती महिला के साथ कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्हें तत्काल चिकित्सकीय मदद की जरूरत थी।
लैंडिंग के बाद भी पायलट ने विमान के इंजन को चालू रखा। वायु सेना के आठ कमांडो ने नीचे उतरकर मोर्चा संभाला और लोगों को विमान में चढ़ान से लेकर उनके सामान को भी सुरक्षित लोड किया। इसके बाद जिस तरह से विमान को उतारा गया था, उसी तरह नाइट विजन गॉगल्स का इस्तेमाल करते हुए उसे वहां से उड़ाया भी गया।