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22 साल की लड़की से 8 महीने तक बलात्कार, दो महिलाओं सहित 7 लोगों पर FIR, 3 थानेदार सस्पेंड, जानिए दर्दनाक कहानी
jantaserishta.com
27 Feb 2021 6:12 AM GMT
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इंसानियत हुई शर्मसार.
पंजाब के बरनाला शहर में एक बार फिर इंसानियत हुई शर्मसार हुई है. 22 वर्षीय युवती को 8 महीने तक बंधक बनाकर बलात्कार किया गया. पुलिस द्वारा पीड़िता के बयान के आधार पर दो महिलाओं सहित सात लोगों पर किया मामला दर्ज किया गया. इन 7 लोगों में एक शिरोमणि अकाली दल का नेता है.
वहीं पुलिस द्वारा पीड़िता को डराने धमकाने के आरोप में तीन थानेदारों को सस्पेंड कर दिया गया. पुलिस द्वारा पीड़िता का मेडिकल टेस्ट कराया गया और मजिस्ट्रेट द्वारा पीड़िता के बयान दर्ज किए गए. पीड़िता एवं उनके परिजनों ने सभी आरोपियों एवं धमकी देने वाले पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की. वहीं पीड़िता एवं उसके परिजनों ने खुद की जान को खतरा बताते हुए पुलिस सुरक्षा मांगी.
इस मामले की जानकारी देते हुए पीड़िता के भाई ने बताया कि बीते साल 24 जून 2020 को उनके घर किराए पर रहने वाली एक महिला उनकी बहन को बहला-फुसलाकर अकाली दल के नेता के भाई के घर ले गई जहां पर पहले से शिरोमणि अकाली दल का नेता, एक तथाकथित बाबा और कुछ महिलाओं सहित 20 से 25 लोग मौजूद थे.
वहां पर उसे पीने के लिए कोल्ड ड्रिंक दिया गया जिसे पीने के बाद उनकी बहन को होश नहीं रहा. उसी दिन उनकी बहन के साथ शिरोमणि अकाली दल के नेता, तथाकथित बाबा एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा बलात्कार किया गया.
भाई ने बताया कि उनकी बहन को 17 दिन बरनाला जिले के गांव पंधेर में रखा गया और उसके बाद जिला संगरूर के एक गांव में 3 दिन रखा गया. उसके बाद उनकी बहन को बठिंडा लेकर जाया गया जहां पर उसकी जबरदस्ती शादी करवा दी गई और 70 हजार रुपये शादी की एवज़ में आरोपियों ने लिए थे.
उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इस संबंधी शिकायत बरनाला में दर्ज करवाई तो थानेदार द्वारा उसे पैसों की मांग की गई जिसके बाद उन्होंने एसएसपी बरनाला से मिलने की कोशिश की लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया. इसके बाद उनका केस किसी अन्य थानेदार को दे दिया गया. बरनाला पुलिस के तीन थानेदारों द्वारा उनकी बहन को आरोपियों के हक में बयान देने के लिए डराया धमकाया गया. जब उनकी बहन को बठिंडा में रखा हुआ था तो उसे 3 लाख रुपये में बेचने की बातचीत चल रही थी जिसको उनकी बहन ने सुन लिया और वह किसी तरह वहां से निकल कर भाग आई और अपनी मां को संपर्क किया.
भाई ने बताया कि जब वह अपनी बहन को लेने गए तो वह नशे की हालत में थी और उसके बाद उन्होंने अपनी बहन को सरकारी अस्पताल बरनाला में दाखिल करवाया. उन्होंने इस पूरे मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता, तथाकथित बाबा एवं बरनाला पुलिस के तीन थानेदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग की है.
वहीं, लड़की ने कहा कि आरोपियों द्वारा उसे लगातार तंग परेशान किया जा रहा था और उसे धमकियां दी जा रही थीं. पीड़िता ने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि उन्हें आरोपियों से जान का खतरा है.
इस मामले पर बरनाला के डीएसपी सिटी लखबीर सिंह टिवाणा ने बताया कि बीते साल 10 जुलाई 2020 को एफआईआर नंबर 340, पीड़िता की मां के बयानों के आधार पर दर्ज की गई थी जिसमें पीड़िता की मां ने उनके किराए पर रहने वाली एक महिला पर उनकी बेटी को बरगला कर ले कर जाने के आरोप लगाए थे. जिसके बाद पुलिस द्वारा आरोपी महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था लेकिन कुछ दिन बाद पीड़िता ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवाए थे कि उसे कोई भी बरगला कर नहीं लेकर गया था, वह बालिग है और अपनी मर्जी से गई थी और उसने शादी कर ली है. जिसके बाद पुलिस की तफ्तीश वहीं पर रुक गई थी.
उन्होंने बताया कि इसके बाद बीती 23 फरवरी को बरनाला के सरकारी अस्पताल से उन्हें सूचना मिली कि पीड़िता अस्पताल में भर्ती हुई है जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना तुरंत एसएसपी बरनाला को दी जिसके बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट को मौके पर बुलाकर लड़की के बयान दर्ज करवाए गए जिसमें पीड़िता ने काफी गंभीर आरोप कुछ लोगों एवं 3 पुलिस थानेदारों पर लगाए हैं जिसमें पीड़िता ने कहा है कि कुछ लोगों द्वारा उसके साथ बलात्कार किया गया है एवं तीन थानेदारों द्वारा उसे डराया धमकाया गया है.
बरनाला के एसएसपी के आदेशों के बाद तीनों थानेदारों को सस्पेंड कर दिया गया है और मुकदमे में बलात्कार एवं अन्य धाराओं का इजाफा कर जांच शुरू कर दी है. पीड़िता द्वारा 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है जिनको पुलिस जल्द ही गिरफ्तार कर लेगी. जिन 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें दो बठिंडा, एक पानीपत एवं कुछ आरोपी लुधियाना एवं कुछ आरोपी बरनाला से संबंधित हैं.
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